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मरीज की वर्षों पुरानी बीमारी का डॉक्टरों ने 30 मिनट में कर दिया इलाज, अस्पताल में पहली बार हुआ ऐसा

locationसीकरPublished: Nov 21, 2019 01:50:13 pm

Submitted by:

Naveen

मेडिकल कॉलेज ( Medical College ) के अधीन शेखावाटी के सबसे बड़े कल्याण अस्पताल ( Sk Hospital Sikar ) में पहली बार एंडोस्कोपी सेप्टोप्लास्टी ( Endoscopic septoplasty ) (दूरबीन से नाक की हड्डी को सीधा करना ) कर इतिहास रच दिया है।

मरीज की वर्षों पुरानी बीमारी का डॉक्टरों ने 30 मिनट में कर दिया इलाज, अस्पताल में पहली बार हुआ ऐसा

मरीज की वर्षों पुरानी बीमारी का डॉक्टरों ने 30 मिनट में कर दिया इलाज, अस्पताल में पहली बार हुआ ऐसा

सीकर.

मेडिकल कॉलेज ( Medical College ) के अधीन शेखावाटी के सबसे बड़े कल्याण अस्पताल ( sk hospital Sikar ) में पहली बार एंडोस्कोपी सेप्टोप्लास्टी ( Endoscopic septoplasty ) (दूरबीन से नाक की हड्डी को सीधा करना ) कर इतिहास रच दिया है। खास बात यह रही कि मरीज का ऑपरेशन निशुल्क हुआ और पिछले पांच वर्ष से सांस लेने में परेशानी और एलर्जी से पीडि़त ललितपुर उत्तरप्रदेश के 30 वर्षीय नितिन की परेशानी महज 30 मिनट में ही दूर हो गई। चिकित्सकों की माने तो अस्पताल की स्थापना के बाद पहली बार यह ऑपरेशन दूरबीन से हुई है। एंडोस्कोपी सर्जरी की सुविधा मिलने से सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले के मरीजों को इस सर्जरी के लिए मेट्रो सिटी नहीं जाना पडेगा।


गौरतलब है कि पहले मरीजों को इस प्रकार की जटिल सर्जरी के लिए जयपुर या बीकानेर जाना पड़ता था और सर्जरी की एवज में हजारों रुपए खर्च करने पड़ते थे। इससे पहले भी एसके अस्पताल में कूल्हे की हड्डी और स्पाइन सर्जरी हो चुकी है। अब तक अस्पताल में घुटना प्रत्यारोपण किया जा चुका है।


कम होते हैं घाव
ऑपरेशन के बाद मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर दिया और मरीज की स्थिति में सुधार है। एसोसिएट प्रोफेसर डा हरि सिंह खेदड ने बताया कि सामान्य सर्जरी की तुलना में एंडोस्कोपी सर्जरी के दौरान घाव कम गहरे होते हैं और जल्दी रिकवरी होती है। ऑपरेशन के तीन दिन बाद मरीजो को छुट्टी दे जाएगी। एक सप्ताह में मरीज की दिनचर्या सामान्य हो जाएगी। ऑपरेशन सर्जन इएनटी विभागाध्यक्ष व प्रोफेसर डा जीएस थालौड, डा. पूजा आर्य, डा. सुमन विश्नोई,एनेस्थिेटिक डा. एमएस गढ़वाल नर्सिंग स्टाफ संजू, महेन्द्र, दिनेश की टीम ने किया।


चिकित्सकों का अनुभव काम आया
चिकित्सकों ने बताया कि इएनटी विभाग में रोजाना तीन से चार मरीज ये समस्या लेकर आते हैं। जिसकी वजह है कि बचपन में चोट लगने के कारण या जन्मजात विकृति के कारण नाक की हड्डी टेडी हो जाती हे। उम्र बढऩे के साथ ही संबंधित को सांस लेने में परेशानी होती है। साथ ही बार-बार छींक आना और एलर्जी की समस्या होने लगती है।

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