गोवंडी स्टेशन के निकट रहने वाले आजाद के झोपड़े की पुलिस ने तलाशी ली तो वहां लाखों रुपए के चिल्लर और नोटों से भरी बोरी के अलावा फिक्स डिपोजिट (एफडी) के कागजात भी मिले। साथ ही आधार कार्ड, पेन कार्ड और वरिष्ठ नागरिक कार्ड सहित अन्य दस्तावेज भी मिले।
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बैंक में भी जमा कर रखे थे 96 हजार
पुलिस को जांच के दौरान बैंक खाते की जानकारी मिली। इसे खंगाला तो 96 हजार रुपए जमा मिले। झोपड़े में रखी पांच बोरियों और कई थैलियों में नकदी मिली, जिसमें एक लाख 75 हजार की चिल्लर व नोट और आठ लाख 77 हजार की एफडी शामिल थीं। करीब 10 लाख 52 हजार का हिसाब-किताब मिला।
पत्नी की मौत के बाद कभी नहीं गया गांव
परिजनों के अनुसार 1995 में पत्नी के निधन के बाद रामगढ़ शेखावाटी भी नहीं गया। गांव में रहने वाले तीन पुत्रों से भी बिड़दीचंद ने सम्पर्क करना बंद कर दिया। मुंबई में रहने वाला सांवरमल भी 2017 के बाद से अपने पिता से नहीं मिला। बिड़दीचंद के दो पुत्र पहले उसके साथ गोवंडी के झोपड़े में ही रहते थे। बाद में अच्छा जीवन जीने के लिए उन्होंने पिता का घर छोड़ दिया। बड़ा पुत्र वापस राजस्थान चला गया तो छोटा वाला किरड़ोली में रहने लगा। एक और पुत्र गोवा में काम से गया हुआ है, जो रहता मुंबई में ही है।