फैक्ट फाइल
प्रदेश में सरकारी कॉलेज: 457
नए कॉलेज खुले: 89
लाईब्रेरियन कितने कॉलेजों में: 27
कितने सालों से भर्ती नहीं: 30
नियमित विद्यार्थी: 5 लाख से अधिक
लाईब्रेरियन के पद स्वीकृत: 274
लाईब्रेरियन के रिक्त पद: 247
अब तक घोषणा: 2 बार
प्रस्ताव तैयार: 2021
कितने बेरोजगारों को भर्ती का इंतजार: 50 हजार
ऐसे समझें नियमों का खेल
केस एक: नियमों से बचने के लिए कर दिए पद सृजित, हकीकत में स्टफ आधा भी नहीं लगा
प्रदेश के 32 नए कॉलेजों के लिए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से 12 अप्रेल 2022 को आदेश जारी किया गया। इसमें नए कॉलेजों के लिए 672 नए पद सृजित कर दिए। लेकिन अभी तक आधा स्टाफ भी नहीं लगा है। यूजीसी के नियमों की पालना से बचने के लिए उच्च शिक्षा विभाग से भर्ती का प्रस्ताव भी ले लिया। लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकी। यदि उच्च शिक्षा विभाग सहित दूसरी एजेंसी सवाल दागे तो सरकार तर्क देगी कि हमने पद तो सृजित कर ही दिए है।
केस दो: डिजिटल लाईब्रेरी का दिखावा, लेकिन कर्मचारी ही नहीं
सरकार की ओर से डिजिटल लाईब्रेरी का सपना दिखाकर भी यूजीसी को गुमराह किया जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग का दावा है कि प्रदेश के 49 राजकीय महाविद्यालयों में डिजिटल लाईब्रेरी बनाई जा रही है। इनमें से 27 महाविद्यालयों में पुस्तकालयों के कम्प्यूटरीकरण का दावा भी किया गया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब लाईब्रेरिन ही नहीं है तो इस प्रक्रिया के नाम पर लाखों रुपए का बजट क्यों बर्बाद किया गया।
केस तीन: निजी में निरीक्षण के समय पूरे मापदंड, सरकारी से डिस्टेंस
प्रदेश में निजी कॉलेजों की स्थापना के समय लाईब्रेरी की पुस्तकों के साथ लाईब्रेरिन की उपस्थिति भी देखी जाती है। लेकिन सरकारी कॉलेजों की स्थापना के समय पद नहीं होने के बाद भी कॉलेज खोल दिए गए। इस साल भी सरकार की ओर से 20 नए कॉलेजों को सोसायटी के जरिए धरातल पर लाने में जुटी है।
बिना सुविधा कैसे सुधरेगी उच्च शिक्षा की सूरत
एक तरफ सरकार की ओर से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का दावा किया जा रहा है। दूसरी तरफ कोरी वाहीवाही लूटने के लिए लगातार नए कॉलेज खोले जा रहे है, लेकिन उनमें स्टाफ, भवन सहित अन्य सुविधाएं नहीं है। प्रदेश के कॉलेजों में 30 साल से लाईब्रेरियन की भर्ती नहीं हुई है। ऐसे में बेरोजगारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को इसी वित्तिय वर्ष में उच्च शिक्षा के लाईब्रेरियन सहित अन्य पदों पर भर्ती करानी चाहिए।
नरेन्द्र विश्नोई, प्रवक्ता, कॉलेज लाईब्रेरियन भर्ती संघर्षिि समति