योजना के तहत एक वर्ष में इस कार्ड से पांच व्यक्तियों तक के परिवार को तीस हजार रुपए का चिकित्सा लाभ मिलता है। पूर्व में यह योजना गरीबी रेखा से नीचे बीपीएल परिवारों के लिए ही लागू थी। योजना में श्रमिकों को श्रम विभाग में पंजीयन करवाने के बाद इंश्योरेंस कंपनी में आवेदन पत्र जमा करवाना होगा।
योजना में नरेगा श्रमिक, निर्माण श्रमिक, बीड़ी श्रमिक तथा स्ट्रीट वैण्डर्स को शामिल किया गया है। जिले में श्रमिकों के कार्ड बनाने की जिम्मेदारी नेशनल इंश्यारेंस कम्पनी को दी गई है। कंपनी ने तीन वर्ष पहले जिले के गांवोंं में कैम्प लगा कर स्मार्ट कार्ड बनाए लेकिन श्रमिकों का कहना है कि कम्पनी ने कई जगह तो केम्प ही नहीं लगाए। ऐसे में योजना कागजों में सिमट गई है।
यह सही है कि बीमा कम्पनी ने पूर्व की सूची के आधार पर ही स्मार्ट कार्ड जारी किए गए थे। अब भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना लागू हो गई है। योजना से वंचित श्रमिकों को संबंधित क्षेत्र के एसडीएम के पास आवेदन लगाने चाहिए।
चैन सिंह शेखावत, सहायक श्रम आयुक्त
बृज सुंदर जांगिड़, सीटू