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हे राम! ये काम भी करती थी पूर्व सरपंच, पकड़ी गई तो हुआ खुलासा

locationसीकरPublished: Feb 28, 2017 05:10:00 pm

Submitted by:

dinesh rathore

सूदखोरी के मामले में उद्योग नगर थाना पुलिस ने सोमवार को पूर्व सरपंच शांति उर्फ संतरा उर्फ श्याना चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद श्याना को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।

सूदखोरी के मामले में उद्योग नगर थाना पुलिस ने सोमवार को पूर्व सरपंच शांति उर्फ संतरा उर्फ श्याना चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद श्याना को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। थानाधिकारी राजपाल सिंह ने बताया कि घोराणा की ढाणी निवासी बनवारीलाल सैनी ने मामला दर्ज करवाया था कि उसके बेटे बाबूलाल को संजय जोशी, राजेश जोया, रणवीर ङ्क्षसह व श्याना चौधरी से रुपए उधार लिए थे। 
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बाबूलाल ने इन्हें मूल रकम से कई गुना ज्यादा भुगतान कर दिया। इसके बाद भी उसके हस्ताक्षर करवा कर लिए गए खाली चेक व स्टाम्प वापस नहीं लौटाए जा रहे हैं। आरोपित सैनी परिवार को लगातार धमकियां भी दे रहे हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि उदयलाल की ढाणी निवासी संतरा उर्फ श्याना चौधरी से बाबूलाल ने एक लाख 20 हजार रुपए उधार लिए थे। श्याना को दो लाख 20 हजार रुपए देने के बाद भी वह चैक व स्टाम्प नहीं लौटा रही। पुलिस ने सोमवार को उसके घर पर दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। 
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बड़ी सूदखोर है श्याना 

पुलिस की जांच में सामने आया है कि श्याना बड़ी सूदखोर है। वह पैसा उधार देकर लोगों के स्टाम्प व चैक अपने पास रख लेती है। पैसा लेने के बाद भी स्टाम्प व चैक वापस नहीं लौटाए जाते। लोगों पर और रूपए वसूल करने के लिए दबाब बनाती है। श्याना पहले से अपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। उसके खिलाफ मादक पदार्थ, अवैध शराब व मारपीट के मामले थाने में दर्ज है। 
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अमित पहाडि़या की जमानत खारिज 

अपर सेशन न्यायाधीश क्रम संख्या तीन अनिल कौशिक ने मलकेड़ा में दंपती के आत्महत्या प्रकरण के मामले में गिरफ्तार सूदखोर अमित पहाडि़या की जमानत खारिज कर दी है। न्यायालय में इस मामले में कहा है कि ब्याज का अवैध धंधा करने वाले सूदखोर अपने जाल में भोले-भाले व्यक्तियों को फंसाकर उन्हें अवैध ब्याज के धंधे में धकेल देते हैं। समय पर किश्त जमा नहीं होने पर उनसे मूलधन से अधिक ब्याज व पैनल्टी वसूल करते हैं। पीडि़त की जायदाद भी अड़ ली जाती है। इस प्रकार के गंभीर मामलों में उदारता का रूख अपनाकर जमानत का लाभ दिया जाता है तो यह पूरे समाज के लिए घातक सिद्ध होगा। देवीपुरा कोठी निवासी अमित पहाडि़या को उद्योग नगर थाना पुलिस ने सूदखोरी से परेशान होकर मलकेड़ा में दंपती के आत्महत्या करने के मामले में गिरफ्तार किया था। उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में जमानत आवेदन पेश किया। पुलिस के अनुसंधान में सामने आया कि दंपत्ती के सुसाइड नोट में अमित पहाडि़या का नाम भी शामिल है। साथ ही यह भी लिखा गया है कि यह लड़के सीकर शहर की गंदगी है। इनको साफ करने में ही भलाई है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपित अमित पहाडि़या की जमानत आवेदन खारिज कर दिया। मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक कैलाश दान कविया ने पैरवी की। 
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सूदखोरी को लेकर परिवाद पेश 

सूदखोरी को लेकर पीडि़तों का पुलिस के पास परिवाद पेश करने के सिलसिला जारी है। शांति नगर निवासी छगनलाल सोनी ने परिवाद पेश किया है कि उसके पुत्र धर्मेन्द्र को कुछ लोगों ने सूदखोरी के जाल में फंसा लिया। एेसे में पिछले चार माह से उसका बेटा घर पर नहीं है। सूदखोरों ने 50 हजार रुपए के 18 लाख रुपए कर दिए। इसकी उन्होंने लिखापढ़ी भी करवा ली है। वहीं पिपराली रोड निवासी पंकज जांगिड़ ने दादिया निवासी महेश चौधरी, जाट कॉलोनी निवासी रामलाल बाटड़ और पिंटू बाठोद के खिलाफ सूदखोरी का मामला दर्ज करवाया है। मामले के अनुसार इन लोगों को मूल से कई गुना रकम देने के बाद भी उसके दस्तावेज नहीं दे रहे हैं। एक ने तो उसका फ्लेट भी अपने नाम करवा लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 
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