मिलीभगत : नामांतरण में भी जल्दबाजी, दो महीने में दे दिए पूरे अधिकार
एक तरफ नामांतरण समय पर नहीं खोलने की लगातार शिकायतें राजस्व विभाग अजमेर तक पहुंच रही है। दूसरी तरफ इस मामले में महज दो महीने में ही मिलीभगत से फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर नामांतरण भी खोल दिया गया। इसके आधार पर ही गिरोह के सदस्यों ने लोन भी ले लिया। बैंक प्रबंधन ने गांव में सत्यापन किए बिना ही 4.70 लाख रुपए का लोन स्वीकृत कर दिया।
बड़ा सवाल: पटवारी को पता था जमीन छोटी देवी की, फिर रजिस्ट्री कैसे?
अगस्त 2021 में परिवार की सामूहिक जमीन का बंटवारा हुआ। पटवारी की मदद से यह काम हुआ। इसके बाद जब गिरोह के सदस्य पटवारी के पास आए तो पटवारी ने जरा भी शक नहीं किया। यदि पटवारी यहां सवाल खड़े करता तो शायद यह फर्जीवाड़ा नहीं होता।
यहां रची साजिश: ईमित्र से ले लिए दस्तावेज व फोटो
महिला मार्च 2021 में गांव के ही एक ईमित्र पर रुपए निकलवाने गई तो यहां एक जने ने छोटी देवी पत्नी भागीरथमल से आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज ले लिए। महिला के अंगूठे आदि भी लगवाए गए। गिरोह के सदस्यों ने ईमित्र से पासबुक ली। पासबुक में लगी फोटो उतारकर इसकी कई फोटो बनवाई। इसके बाद पासबुक में वही पुरानी फोटो वापस चस्पा कर दी। रजिस्ट्रार कार्यालय में 71 वर्षीय महिला छोटी देवी की जो फोटो लगी है वह बैंक पासबुक पर लगी फोटो से मिलान खाती है। फिंगर भी आधार से मैच नहीं होने के बाद भी अधिकारियों ने रजिस्ट्री कर दी। इस तरह सुरेश कुमार ढाका निवासी घिरणियां को जमीन बेच दी गई।
गलत रजिस्ट्री जारी हुई, करवाएंगे एफआइआर: तहसीलदार
मानवीय भूल की वजह से गलत रजिस्ट्री जारी होने का मामला संज्ञान में आया है। जल्द दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी। उच्च अधिकारियों को इस मामले की रिपोर्ट भिजवा दी है। विभाग जल्द एफआइआर भी दर्ज करवा रहा है।
सुशील सैनी, तहसीलदार, धोद
आरोपियों की जल्द हो गिरतारी : पूर्व विधायक
राजस्थान में बढ़ते भ्रष्टाचार का यह नमूना मात्र है। आए दिन प्रदेश में अफसर ट्रेप हो रहे हैं। इसके बाद भी सरकार पारदर्शिता की बात करती है। जब विधवा महिला जमीन की रजिस्ट्री कराने गई नहीं तो फिर किस आधार पर रजिस्ट्री बन गई और नामांतरण भी खुल गया। दोषियों की जल्द गिरतारी नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
अमराराम, किसान नेता, सीकर
जमीन के बेचान और खरीदने के दौरान सब रजिस्ट्रार कार्यालय में दोनों पक्षों की फोटो खिंचवाई जाती है। अंगूठे व साइन का भी नियम है। पत्रिका संवाददाता ने इस मामले में पड़ताल की तो सामने आया कि 71 साल की महिला की जगह 33 साल की महिला की फोटो खिंचवाई गई। अधिकारियों ने सफाई दी कि महिला घूंघट में थी इसलिए उम्र का अंदाजा नहीं लगा सके।