चार बेटियों ने किया पिता का अंतिम संस्कार, बड़ी बेटी के सिर बंधी पगड़ी
Four daughters performed the last rites of the father
मजदूरी करने वाले ओमप्रकाश के बेटा नहीं था तथा चार बेटियों ने ही पिता की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार की रस्म निभाई।

Four daughters performed the last rites of the father
- पिता की मृत्यु के बाद पुत्रियों ने ही अंतिम संस्कार की रस्म निभाई
सीकर. श्रीमाधोपुर कस्बे के गांव पृथ्वीपुरा में एक पिता की मौत के बाद समाज(hindu socity) ने बड़ी पुत्री के सिर पर पगड़ी बांधी। इससे पहले मृतक की चारों बेटियों ने पिता का अंतिम संस्कार किया। पूर्व पार्षद रामावतार महरड़ा के अनुसार गांव निवासी पृथ्वीपुरा निवासी 52 वर्षीय ओमप्रकाश तंवर (बलाई) का निधन हो गया था। मजदूरी करने वाले ओमप्रकाश के बेटा नहीं था तथा चार बेटियां सुमन, कविता, पूजा, निक्की है। पिता की मृत्यु के बाद पुत्रियों ने ही अंतिम संस्कार की रस्म निभाई। परिवार व रिश्तेदारों की मौजूदगी में बड़ी बेटी सुमन के सिर पर पगड़ी बांधकर रस्म निभाई गई।
यहां मंदिरों में ही नहीं गोशालाों में भी होती है ‘सवामणी’
देश के कोने कोने में आस्था भी कई रूपों में दिखाई देती है। हिन्दू धर्म में गोसेवा का भी अपना स्थान है। जिसके चलते ही यहां मंदिरों में ही नहीं गोशाला में गोसवामणी का आयोजन किए जाते हैं। जिसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं व अपने समाथ्र्य से आयोजन कराते हैं। मंगलवार को श्रीमाधोपुर कस्बे के गो-गढ़ बाबा ब्रह्मचारी आश्रम में स्थित गौशाला में मंगलवार को वार्ड 3 पार्षद कमला देवी योगी ने गायों के लिए सवा दो क्विंटल की गौ सवामणी की। इस दौरान गायों को चारा व भोजन कराया गया।
तो फिर क्या था... ग्रामीणों ने ठानी और कर दिखाया गया
सीकर के विभिन्न स्थानों पर मार्गो की दुर्दशा को देखकर ग्रामीणों ने सुधारने का बीड़ा उठा रखा है। रास्तों की सूरत सुधारने के लिए जगह जगह ग्रामीण आगे आ रहे हैं। ग्राम ठीकरिया शीतलदासजी में गांव की ओर जाने वाले मुख्य रास्ते में जमा गंदगी व पानी भराव सहित आस पास व्याप्त अतिक्रमण को सरपंच दीपचंद ढबास व ग्राम विकास अधिकारी कैलाश थेबड़ ने समझाइश कर सकारात्मक पहल की जिसमें ग्रामीणों ने सहयोग किया।
सीकर... जहां गांव-गांव प्रतिभाओं व भामाशाहों को होता है सम्मान
शिक्षानगरी के नाम से विख्यात सीकर के गांव गांव में प्रतिभाओं का सम्मान किया जाता है। प्रतिभाओं को निखारने के लिए आगे आने वाले भामाशाह भी सम्मानित होते हैं। इसी कड़ी में खाटूश्यामजी के निकट बाय गांव की राउमावि का वार्षिकोत्सव मंगलवार को दांतारामगढ़ सीबीओ नानूराम जाट के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच मुकेश खांडल ने की। कार्यक्रम में प्रतिभावान विद्यार्थियों, पूर्व विद्यार्थियों एवं भामाशाहों का प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। समारोह के दौरान छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सबका मन मोहा।
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