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नीमकाथाना विधानसभा क्षेत्र की ग्राउंड रिपोर्ट: महज गौरव पथ से चले विकास के कदम!

locationसीकरPublished: Dec 12, 2017 02:10:11 pm

Submitted by:

vishwanath saini

कागजों में ही दफन हो गया जिला बनाने का मुद्दा, नीमकाथाना को जिला बनाएगे, शहर को जाम से मुक्ति दिलाएंगे, पेयजल की कोई समस्या नहीं रहेगी

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नीमकाथाना. कागजों में ही दफन हो गया जिला बनाने का मुद्दा, नीमकाथाना को जिला बनाएगे, शहर को जाम से मुक्ति दिलाएंगे, पेयजल की कोई समस्या नहीं रहेगी। ऐसे ही वादे चार साल पहले नीमकाथाना इलाके में गूंजते थे। एक बार फिर वही मुद्दे लोगों के जहन में जिंदा हो रहे हैं जब सरकार का चार साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इन चार साल में नीमकाथाना के लोगों को मायूसी के अलावा कुछ नहीं मिला है। जिला बनाने का मुद्दा तो जैसे कागजों में ही दफन होकर रह गया। जाम के हालात यह हैं कि पूरे दिन शहर रेंग-रेंग कर चलता है।
पिछली सरकार के कार्यकाल में शुरू हुए आरओबी का काम आज तक पूरा नहीं हुआ है। शहर सहित उपखंड क्षेत्र की क्षतिग्रस्त सडक़ों पर दिनभर धूल उडती है। 32 करोड़ की शहरी जल योजना का भी लोगों को अभी तक पूरा लाभ नहीं मिला है। दूषित पानी निकासी की समस्या जस की तस है। कुछ गांवों में बने गौरव पथ को छोड़ दिया जाए तो मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नीमकाथाना को कोई सौगात नहीं मिल पाई है।
32 करोड़ की शहरी जल योजना

नीमकाथाना में 32 करोड़ की शहरी जल योजना अभी भी पूरी नहीं हो सकी। हर दिन लगने वाले जाम से तनिक भी निजात नहीं मिली। दूषित पानी सडक़ों पर इर्द-गिर्द रहता है। और तो और जिला बनने का मु²ा खो सा गया। चार साल में कुछ भी नहीं हुआ। गत सरकार में शुरू हुई योजनाएं भी जस की तस हैं। हां यहां-वहां गौरव पथ के शिलान्यास कर चार साल में विकास के कदम चलते जरूर दिखाए हैं।
यह थे नीमकाथाना के प्रमुख मुद्दे और चुनाव से पहले के वादे

-नीमकाथाना को जिला बनाने का वादा
बरसों की यह मांग आज भी अधूरी है। इस सरकार के कार्यकाल में यह प्रोजेक्ट बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ पाया। इसको लेकर पहले कई आंदोलन तक हो चुके हैं।
-आरओबी का निर्माण

पिछली सरकार के वक्त शुरू हुआ आरओबी का काम आज तक पूरा नहीं हुआ है। इससे पूरे दिन जाम लगा रहता है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में भी इसका काम तो फिर से शुरू हुआ लेकिन रफ्तार कम होने की वजह से लोगों को फायदा नही मिल पाया है।
-32 करोड़ की पेयजल योजना

32 करोड़ की पानी की योजना का शहर में काम तो चल रहा है लेकिन योजना के लाभ से शहर में कई मोहल्ले वंचित रह हैं। ठेकेदार ने मुख्य सडक़ों पर तो योजना के तहत पानी की पाइप लाइन डाल दी लेकिन कनेक्शन नहीं किए हैं। कॉलोनियों के लोग जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। ट्रोमा सेंटर:जिले में दूसरे सबसे बड़े अस्पताल कपिल अस्पताल में ट्रोमा सेंटर खुलने का लोगों को वर्षों से इंतजार है। इसके अलावा अस्पताल में भी मरीजों को कई सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है।
– पानी निकासी

पानी की निकासी शहर के लिए बड़ी गंभीर समस्या है। बरसात के मौसम में स्टेट हाइवे पर राजकीय एसएनकेपी कॉलेज के सामने झील भर जाती है। ये ही हालत सीकर की ओर जाने वाले रेलवे बुगदा के हैं।
आमने-सामने

-सरकार ने इलाके में खूब विकास कार्य करवाए हैं। शहर में सीवरेज का प्रोजेक्ट नगर पालिका की हठधर्मिता के कारण अटका हुआ है। पैंथर रिजर्व की घोषणा के लिए प्रयास करेंगे। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कई ट्यूबवैलें स्वीकृत करवाई गई हैं। हर गांव गांव में सडक़ें डलवाई जा रही है। छह सात पंचायतों को छोडकऱ लगभग सभी पंचायतों में पशु उपकेन्द्र खुलवाएं गए है। नीमकाथाना के विकास में कोई कमीं नहीं रहने दी जाएगी।
-प्रेम सिंह बाजोर विधायक
-भाजपा सरकार पूर्णतया फेल हो गई है। जो विकास कार्य पिछली सरकार ने करवाए थे और जिन जनहित की योजनाओं को पिछली सरकार ने शुरु करवाया था। उनको भाजपा सरकार ने बर्बाद किया है। योजनाओं का नाम बदलने के अलावा सरकार ने चार वर्ष में कुछ नहीं किया। नीमकाथाना में कुंभाराम लिफ्ट जैसी महत्वाकांक्षी व आवश्यक योजनाओं पर कुंठाराघात किया है। उनका जवाब भाजपा सरकार को जनता देगी।
-रमेश खंडेलवाल, पूर्व विधायक, नीमकाथाना
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