अब व्यर्थ नहीं बहेगा पानी, 39 करोड़ 87 लाख से बनेगा बांध
नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक (जिला विकास) एमएल मीना ने बताया बांध के निमार्ण में 39 करोड़ 87 लाख रुपये की लागत आएगी। जिसमे 27 करोड़ 7 लाख रुपए की वित्तीय सहायता नाबार्ड ने राज्य सरकार को दी है। उन्होंने बताया कि बांध में खंडेला व शाकंभरी तक के 51.57 वर्ग किलोमीटर पहाड़ी क्षेत्र का पानी बहकर बांध मे गिरेगा। जो अब तक कोटड़ी नदी से होकर कांतली नदी मे जाकर चला व गुहाला के मैदानी इलाकों मे व्यर्थ बह जाता था।
जिले का चौथा सबसे बड़ा बांध
कोटड़ी बांध जिले का चौथा सबसे बड़ा बांध होगा। जिसकी भराव क्षमता 72.03 मिलियन घन फीट होगी। यह नीमकाथाना इलाके के रायपुरा पाटन, राणासर व भूदोली बांध के बाद चौथा सबसे बड़ा बांध होगा।
खेती में होगा फायदा
बांध से आसपास के क्षेत्रों की कृषि में भी फायदा होगा। कृषि विभाग के अनुसार डार्क जोन की वजह से यहां किसान खरीफ मौसम में बारिश से ही खेती करते हैं। रबी की खेती महज दो से तीन प्रतिशत ही हैं। लेकिन, बांध बनने के बाद आसपास के 836 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। वहीं, कोटड़ी व ढाणी गुमान सिंह पंचायत क्षेत्र मे आने वाले भहरा, लुहारवास, कोटड़ी, तिवाड़ी की ढाणी, ढाणी गुमान सिंह सहित 10 किलोमीटर क्षेत्र मे आने वाले कई गांवों के जल स्तर में सुधार होगा।
इनका कहना है:
कोटड़ी बांध के लिए नाबार्ड ने रुरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत 17 करोड़ 7 लाख का वित्तीय सहयोग जारी किया है। इस फंड के तहत ग्रामीण विकास कार्यों के लिए नाबार्ड द्वारा कुल परियोजना लागत की 80 से 95 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। जबकि शेष राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती हैं।
एमएल मीना, सहायक महाप्रबंधक (जिला विकास), नाबार्ड, सीकर