कंपनी के प्लान के बारे में जानकारी दी कि कपंनी के उत्पाद खरीदने के बाद किसी अन्य ग्राहक को यदि वह उत्पाद दिलवाएगा तो उसको और अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। इन्होंने कंपनी के रजिस्टर्ड होने की बात भी कही। इस पर परिवादी इनके झांसे में आ गया। इसके बाद इन लोगों ने नवंबर 2018 में परिवादी से सात लाख रुपए लिए और कुछ समय बाद परिवादी को आभूषण भी लाकर दिए। इस पर परिवादी का विश्वास और पक्का हो गया और इन्होंने परिवादी की पत्नी, दोनों लडक़े व लड़कियों से कुल 24 लाख 80 हजार रुपए ले लिए। इनमें सात लाख के आभूषण तथा शुरूआत में पांच से छह लाख रुपए परिवादी तथा इसके परिवार को वापस मिले।
अतिरिक्त लाभ के झांसे में आने पर परिवादी ने अपने जानकार व रिश्तेदारों से भी करीब 12 लाख 97 हजार इनको दिलवा दिए। जबकि दिसंबर 2018 में परिवादी ने इनको 25 लाख रुपए और दिए बताए। जिनके बदले में कंपनी के उत्पाद व अतिरिक्त लाभ भी नहीं दिया तो परिवादी ने अपने रुपए वापस मांगे। आरोप है कि अब ये तीनों लोग उसको झांसा दे रहे हैं और रुपए वापस नहीं लौटा रहे हैं।
जांच बदलने की मांग
परिवादी मदन सियाक का कहना है कि पुलिस अधीक्षक को परिवाद देकर मामले के जांच अधिकारी को बदलने की मांग रखी है। परिवादी का आरोप है कि प्रकरण में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है और मामले की निष्पक्ष जांच भी नहीं की जा रही है।