सीकरPublished: Jun 12, 2019 06:31:41 pm
Vinod Chauhan
तैयारी अधूरी, बरसात में हर साल डूब जाता है नवलगढ़ रोडपरिषद की लापरवाही आमजन की बढ़ा सकती है मुसीबत
अभी से ये हाल, परिषद बारिश में कैसे बचा पाएगी शहर को
सीकर. शहरी सरकार के जिम्मेदारों की लापरवाही का यह बड़ा उदाहरण है। जिस क्षेत्र में हल्की बारिश की बूंदों से पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है उस इलाके को लेकर भी शहरी सरकार कतई गंभीर नहीं है।
नवलगढ़ रोड पर थाने के पास बने पंप हाउस पूरी तरह कचरे से अटा हुआ है। इस कारण पानी काफी धीमी गति से निकल पा रहा है। इसके बाद भी नगर परिषद अमला रूटीन की सफाई भी नहीं करा पा रही है। नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि आंधियों के दौर के कारण पंप हाउस के टैंक में कचरा जमा हो गया है। दूसरी शहर के प्रमख नालों की भी अभी तक सफाई शुरू नहीं हुई। परिषद की यह लापरवाही बारिश के सीजन में आमजन की मुसीबत बढ़ा सकती है।
दस हजार परिवार प्रभावित
नवलगढ़ रोड पर बस स्टैण्ड के पास जलभराव होने के कारण बारिश के सीजन में दस हजार से अधिक परिवार सीधे तौर पर प्रभावित होते है। इस इलाके की कॉलोनियों के लोगों को मुख्य शहर में आने के लिए गलियों का सहारा लेना पड़ता है। यहां बस स्टैण्ड भी होने के कारण यात्रियों की भी मुसीबत बढ़ जाती है।
ग्राम पंचायत सहायकों का कार्यकाल बढ़ाने की गुहार
सीकर. ग्राम पंचायत सहायकों का कार्यकाल बढाने एवं उनकी सेवाएं स्थायी करने की मांग को लेकर पंचायत सहायकों के प्रतिनिधि मंडल ने उपमुख्यमंत्री एवं पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट को ज्ञापन भेजा है। एडवोकेट संदीप कलवानिया की ओर से भेजे ज्ञापन में बताया कि दो साल की सेवाएं देने के बावजूद पंचायत सहायकों को कार्यकाल बढऩे के आदेश का इंतजार करना पड़ रहा है। कार्यकाल नही बढ़ाने के कारण पंचायत सहायकों की परेशानी बढ़ गई है। राज्य सरकार ने दो साल पहले 19 मई 2017 को एक साल की अवधि के लिए पंचायत सहायकों के पदों पर नियुक्तिया दी थी। इसके बाद पिछले साल सरकार ने इनके कार्यकाल में एक साल की अवधि बढ़ाई थी।
कलवानिया ने बताया कि सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार एवं उनके सफल क्रियान्वयन के लिए अस्थायी तौर पर सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो से तीन पदों पर इनको नियुक्ति दी गई थी और मानदेय का भुगतान ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों की राशि मे से प्रतिमाह 6 हजार रुपये का भुगतान करती है। कम मानदेय में पंचायत सहायक काम कर रहे है। इसलिए सरकार को ग्राम पंचायत सहायकों के कार्यकाल बढ़ाकर उन्हें स्थायी करने की नीति बनानी चाहिए ताकि उन्हें राहत मिल सकें।