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सीकर: भारत माता की जय उद्घोष के साथ पंचतत्व में विलीन हुए शहीद रामनिवास यादव, तिरंगे में लिपटा शव देख रो पड़ा पूरा गांव

जवान एएसआई रामनिवास यादव का पार्थिव शरीर गुरुवार को भारत माता की जय व रामनिवास अमर रहे के उद्घोष के साथ पंचतत्व में विलीन हुआ।

सीकरJun 14, 2018 / 01:23 pm

Vinod Chauhan

सीकर: भारत माता की जय उद्घोष के साथ पंचतत्व में विलीन हुए शहीद रामनिवास यादव, तिरंगे में लिपटा शव देख रो पड़ा पूरा गांव

सीकर/नीमकाथाना.

देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए वीर जवान एएसआई रामनिवास यादव का पार्थिव शरीर गुरुवार को भारत माता की जय व रामनिवास अमर रहे के उद्घोष के साथ पंचतत्व में विलीन हुआ। शहीद को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बीएसएफ की एक टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद रामनिवास को उसके बेटे संदीप यादव ने मुखाग्नि दी।

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अंतिम संस्कार में सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती, नीमकाथाना विधायक, सैनिक कल्याण बोर्ड सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर, पाटन पंचायत समिति प्रधान संतोष गुर्जर सहित बीएसएफ की एक टुकड़ी मौजूद रही। वहीं अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इससे पहले शव पहुंचते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। तिरंगे में लिपटा शव देखकर ग्रामीण रो पड़े।

funeral of martyr ASI GD ramniwas in native village dabala sikar

शहीद के बता दें कि जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर की चमलियाल पोस्ट पर पाकिस्तान की ओर से हुए सीजफायर में राजस्थान के तीन जवान शहीद हुए थे। जिसमें सीकर के एएसआई रामनिवास यादव भी वीरगति को प्राप्त हुए थे। बुधवार को जम्मू से उनका पार्थिव देह को जयपुर लाया गया। गुरुवार जयपुर से सडक़ मार्ग से बीएसएफ के अधिकारी शहीद जवान रामनिवास का पार्थिव शरीर लेकर उनके पैतृक गांव डाबला की बाना की ढाणी पहुंचे। देह पहुंचने से पहले ही ढाणी मेंं घर के बाहर हजारों लोग श्रद्धांजलि देने मौजूद थे।

 

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funeral of martyr ASI GD ramniwas in native village dabala sikar

डाबला गांव के पहले शहीद है रामनिवास
रामनिवास डाबला गांव के पहले शहीद है। ग्रामीणों ने सेना के जवानों की तरह ही बीएसएफ के इस जांबाज वीर के परिजनों को पैकेज व अन्य सुविधाएं दिलाने की मांग की है। उसके साथियों ने बताया कि वह बचपन से ही सेना में जाकर देश सेवा करना चाहता था। जब भी गांव आता था बीएसएफ की बहादुरी के चर्चे सुनाता था। वह गांव में सबका चहेता था। स्वभाव भी मिलनसार था।

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शव देखते ही बिलख पड़े परिजन, वीरांगना का रो-रोकर बूरा हाल
जैसे ही शहीद का पार्थिव देह उनके घर पहुंचा। वहां मौजूद परिजन बिलख पड़े। वहीं वीरांगना भगवती देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।

गांव में उमड़ पड़ा सैलाब
देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले बहादुर बेटे शहीद रामनिवास की अंतिम यात्रा में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। गमगीन माहौल में शहीद को अंतिम विदाई दी गई। पूरा गांव भारत माता की जय, रामनिवास अमर रहे के उद्घोष से गूंज उठा।

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