रिटायरमेंट के बाद घर आने वाला था जवान, 5 दिन पहले तिरंगे में लिपटी घर पहुंची पार्थिव देह
इस पर विचार किया जा रहा था। इसी दौरान गजानंद की इकलौती 16 वर्षीय पुत्री मन्नत ने परिजनों से अपनी मां के अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई। जिस पर परिवार व रिश्तेदारों की सहमति पर बेटी मन्नत ने कंधा देने से लेकर अंतिम संस्कार की सभी रस्में अदा की। अपनी मां के शव को कंधा देते देखकर शवयात्रा में शामिल सभी लोगों की आंखे भी नम हो गई।