इधर, लॉरेंस की पेशी के दौरान कुछ देर कोर्ट परिसर भी पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। कुख्यात अपराधी को देखने के लिए लोगों की भी भीड़ जुट गई थी। इसके बाद भारी पुलिस जाप्ते के बीच लॉरेंस को वापस भरतपुर जेल भिजवा दिया गया। गौरतलब है कि चिंकारा प्रकरण में अभिनेता सलमान खान को मारने की धमकी के बाद लॉरेंस सुर्खियों में आ गया था। इसके साथी रहे गैंगस्टर संपत नेहरा को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
सिर के ऊपर से गुजर गई थी गोली
प्रकरण के अनुसार 28 फरवरी 2014 को गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई अपने चार साथियों के साथ जयपुर से कार में आ रहा था। रास्ते में एक निजी बस चालक द्वारा साइड नहीं देने पर अवरोध पैदा हुआ तो रानोली बस स्टैंड के पास लॉरेंस की टीम ने बस के चालक पर फायर कर दिया था। इसके बाद डंडा मारकर बस के परिचालक का सिर फोड़ कर फरार हो गए थे।
घटना की सूचना पर रानोली पुलिस विश्नोई गैंग के पीछे लग गई और इधर, कोतवाली पुलिस कल्याण सर्किल पर गैंग को घेरने की योजना बनाकर तैयार खड़ी थी। यहां पुलिस का कड़ा पहरा देखकर ये लोग चांदपोल गेट, सालासर स्टैंड व रामलीला मैदान होते हुए भागने के प्रयास कर रहे थे। इधर, दोनों थानों की पुलिस भी लगातार इनका पीछा कर रही थी।
लेकिन, इसी दौरान इनकी कार एक दीवार से जा टकराई और हादसे में लॉरेंस व इसका साथी जावेद घायल होने पर भाग नहीं सके। जबकि इनके दो साथी मौका पाकर पार हो गए थे। अपने आप को पुलिस से घिरा देखकर इन्होंने पुलिसकर्मी प्रद्युम्न ङ्क्षसह पर फायर कर दिया था। गनीमत रही कि गोली के सिर के ऊपर से निकल गई और पुलिसकर्मी बाल-बाल बच गया। इसके बाद पुलिस ने दोनों को दबोच कर गिरफ्तार कर लिया था।
षडय़ंत्र में हो चुका गिरफ्तार
पलसाना में जुराठड़ा के पूर्व सरपंच सरदारराव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसकी हत्या के षडय़ंत्र में भी पुलिस ने विश्नोई को गिरफ्तार कर पूछताछ की थी। आरोप थे कि सुभाष बराल ने इसके लिए लॉरेंस की मदद ली थी और विश्नोई के इशारे पर ही हत्या के लिए शूटर भिजवाए गए थे। जिसमें गैंगस्टर संपत नेहरा का नाम भी सामने आया था।
30 जुलाई 2018 को बहस
लॉरेंस के वकील पवन कुमार शर्मा ने बताया कि बयान मुल्जिम के लिए लॉरेंस को भरतपुर जेल से लाया गया था। लंबित चल रहे प्रकरण पर बहस के लिए 30 जुलाई 2018 की तारीख कोर्ट ने तय की है। ऐसे में दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।