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सरकारी पैसे का दुरुपयोग करना तो कोई इनसे सीखे, अपने घर में ही कर लिया ऐसा जुगाड़, देखकर अधिकारी भी चौंक गए

locationसीकरPublished: Jun 29, 2018 08:00:20 am

Submitted by:

Vinod Chauhan

जब चहेतों को फायदा पहुंचाना हो तो नियम कायदों को जिम्मेदार ही तोड़ देते हैं। दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के रेटा गांव में ऐसा ही मामला सामने आया है।

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सरकारी पैसे का दुरुपयोग करना तो कोई इनसे सीखे, अपने घर में ही कर लिया ऐसा जुगाड़, देखकर अधिकारी भी चौंक गए

अजय शर्मा, सीकर.

जब चहेतों को फायदा पहुंचाना हो तो नियम कायदों को जिम्मेदार ही तोड़ देते हैं। दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के रेटा गांव में ऐसा ही मामला सामने आया है। चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए उनकेघर तक ही गौरव पथ बना दिया गया। राज्य सरकार के निर्देश के बाद सभी गौरव पथों पर सडक़ किनारे पर नाली निर्माण होना था। यहां नियमों को ताक पर रख आधी किलोमीटर में ही नाली निर्माण कराया गया। मामले में सार्वजनिक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि विभाग के एक्सइएन ने जांच में सडक़ निर्माण को अनियमितता की श्रेणी में माना था। जबकि एसई ने लोकायुक्त में शिकायत होने पर अपने स्तर पर एक कमेटी बनाकर गौरव पथ की जांच कराई, जिसमें गौरव पथ को सभी मापदंडों पर सही माना है। ऐसे में अब सवाल यह है कि कौन सच्चा है और कौन झूठा।


गुणवत्ता परीक्षण अभियंता ने माना सब कुछ गलत
विभागीय सर्वे एवं गुण नियन्त्रण खंड के एक्सईएन कार्यालय की ओर से भी शिकायत पर इसी वर्ष जांच कराई गई। इस जांच में खुद विभाग के अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया है। अब जिम्मेदार इन सवालों का जवाब देने से बच रहे है।
गैर आबादी में बनी है सडक़ : अभियंता ने अपने पत्र में लिखा कि जांच से साफ है ठेकेदार ने आमजनहित को भूलकर किसी के निजी हित के लिए सडक़ बना दी है। सडक़ के कुछ हिस्से में नाली का निर्माण भी नहीं हुआ है।


कंक्रीट नहीं लाए जांच को : जांच प्रतिवेदन में बताया कि संबंधित अभियंता को चार फरवरी 2018 को जांच के लिए कंक्रीट उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा था। जांच रिपोर्ट तक संबंधित ने सैम्पल नहीं दिया। जबकि संबधित अभियंता का तर्क है कि प्रयोगशाला से जांच कराकर ही पूरा निर्माण कराया है।


अनियमितता की श्रेणी में है काम : एसई ने रिपोर्ट में यहां नाली निर्माण नहीं होने, अलग-अलग लंबाई-चौड़ाई में गौरव पथ बना होने, गाइड बांध के पास सुरक्षा दीवार नहीं होने आदि के आधार पर कार्य को अनियमितता की श्रेणी में माना है।


एसई जारी करते रहे आदेश
एसई ने पिछले वर्ष जिले के सभी एक्सईएन को ग्रामीण मौरव पथों के निर्माण के लिए गाइड लाइन जारी की थी। इसमें साफ तौर पर लिखा था कि सीमेंट सडक़ के दोनों तरफ नालियों का निर्माण कराया जाए। नाली निर्माण के बिना ठेकेदार को कोई भुगतान भी जारी नहीं किया जाए। कार्य शुरू करने से पहले क्वालिटी कन्ट्रोल लेब की स्थापना सहित अन्य आदेश जारी किए।


नरेगा में खर्च किए 16 लाख
गौरव पथ के रास्ते में आने वाले रेटा गाइड बांध की मरम्मत के लिए मनरेगा में वर्ष 2015 में कार्य हुआ था। इस पर करीब 16 लाख रुपए का खर्चा आया।


कमेटी बोली सब कुछ सही
कमेटी का तर्क है कि सडक़ सभी मापदंडों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। सडक़ निर्माण को लेकर तर्क दिया कि जहां आबादी क्षेत्र में जलभराव की समस्या थी, वहां नाली निर्माण भी हुआ है। सडक़ का निर्माण आबादी क्षेत्र में ही किया गया है।


जिम्मेदारों का तर्क


इस मार्ग की शिकायत किसी ने दर्ज कराई थी। मामले की जांच जारी है। -अनिल नेपालिया, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जोन प्रथम

मामला लोकायुक्त में है। फिर भी जांच कराई जा रही है। -जेसी मीणा, अधीक्षण अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग


हां यह सही है कि तकनीकी स्वीकृति एक किमी की जारी की गई थी। लेकिन ग्रामीणों की मांग पर उसी बजट में डेढ़ किमी के गौरव पथ का निर्माण करा दिया गया। अनियमितता जैसी कोई बात नहीं है। -प्रहलाद सिंह, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी


जहां पर पांच-छह घर होते है वहां गौरव पथ बना सकते है। गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा गया है। यदि सडक़ कही से टूटी है तो गारंटी पीरियड के हिसाब से ठेकेदार से काम कराया जाएगा। -गोपालराम आर्य, सहायक अभियंता, दांतारामगढ़

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