खबर पढ़कर भले ही पाठकों को यह किसी हिंदी फिल्म की पटकथा लगे लेकिन, ये हकीकत है उस नाबालिग बालिका की। जिसके कलयुगी पिता ने उसकी मासूमियत का फायदा उठाकर उसका शारीरिक शोषण किया और आज वही पिता जेल में है। जिसने अपनी बेटी के बचपन को अपने हाथों रौंध कर उसको तब तक अपनी हवश का शिकार बनाया जब तक उसकी सहन शक्ति की पराकाष्ठा जवाब नहीं दे गई। मामला राजस्थान के सीकर जिले के थोई क्षेत्र का है। आरोपित पिता पर जुर्म कबूल होने पर उसे जेल भेज दिया गया है और छात्रा बेखौफ होकर अब अपनी आगे की पढ़ाई कर रही है।
छात्रा को विश्वास में लेकर किया खुलासा
थोई के राजकीय स्कूल की प्रिंसीपल ने बताया कि गुमनाम चिठ्ठी मिलने के बाद उसने सबसे पहले चाइल्ड लाइन की टीम को सूचना देकर बुलाया। लेकिन, शर्त रखी कि यदि छात्रा के नाम का सार्वजनिक खुलासा हो गया तो वह मौत को भी गले लगा सकती है। ऐसे में योजना बनाकर चाइल्ड लाइन की टीम स्कूल में पहुंची और 10वीं कक्षा की छात्राओं को संदेश पहुंचाया कि परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हें विशेष टिप्स दिए जाएंगे। इस पर दर्जनों छात्राएं स्कूल पहुंची और टीम ने उनकी काउंसलिंग की तो अंत में एक छात्रा उदास और गुमसुम बैठी मिली। शक होने पर टीम ने उसे विश्वास में लिया और उससे दोस्ती कर घुलमिल गई।
बातों ही बातों में छात्रा ने बताया कि उसके पिता जो कि शराब पीने के आदि हैं और उसके साथ पिछले चार साल से घिनौना काम कर रहे हैं। बता देने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इसके बाद प्रिंसीपल और चाइल्ड लाइन की टीम ने पुलिस को सूचना दी और घर जाकर आरोतिप पिता को पकड़ लिया। न्यायालय में पेश करने पर उसे जेल भेज दिया गया।
अनूठा मामला
जिले में जनवरी 2017 से मार्च 2018 तक दुष्कर्म के 93 मामले दर्ज हुए हैं। लेकिन, हाल ही में पकड़ में आया यह मामला अपने आप में अनूठा है। जिसमें पिता ने ही बेटी को इस कद्र जख्म दिए हैं। जिनका भर पाना मुश्किल है। लेकिन, थोई थाना प्रभारी बाबूलाल का कहना है कि पिता को तो जेल पहुंचा दिया है और बालिका बेखौफ होकर जी-जान से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने में जुटी हुई है।
इनका कहना है
-नशे की प्रवृति कई बार व्यक्ति को इस तरह की विकृति की तरफ ले जाती है। इसमें व्यक्ति अपनों को ही शिकार बना लेता है। इस तरह के मामलों में पीडि़ता भी मानसिक दवाब व शोषण करने वाले अपना ही होने के कारण मुंह नहीं खोल पाती है।
-डॉ. शिव प्रसाद, विभागाध्यक्ष, मनोचिकित्सक, लेडी हार्डिंग चिकित्सालय, दिल्ली