इन तीर्थ स्थानों के होंगे दर्शन
रेल से: रामेश्वरम, जगन्नाथपुरी, तिरुपति, द्वारकापुरी, वैष्णो देवी, प्रयागराज, मथुरा वृंदावन, सम्मेद शिखर, उज्जैन- ओंकारेश्वर, गंगासागर, कामाख्या, हरिद्वार-ऋषिकेश, बिहार शरीफ व तमिलनाडू के वेलनकानी चर्च की यात्रा कराएगा।
हवाई जहाज से: नेपाल के काठमांडू स्थित पशुपति नाथ।
संभागवार चलेगी रेल, हवाई यात्रा के लिए भी मिलेगी रेल
यात्रा के लिए रेल का प्रस्थान संभाग मुख्यालयों से लॉटरी में चयनित वरिष्ठ नागरिकों की संख्या के हिसाब से होगा। आईआरसीटीसी के संयुक्त महाप्रबंधक योगेंद्र ङ्क्षसह गुर्जर ने बताया कि हवाई यात्रा के लिए भी आईआरसीटीसी वरिष्ठ नागरिकों को रेल से दिल्ली तक पहुंचाने की व्यवस्था करेगा। लेकिन इसके लिए यात्रियों को शुल्क अदा करना होगा।
तीन स्थानों का करना होगा चयन
रेल से तीर्थ यात्रा के लिए वरिष्ठ नागरिकों को वरीयताक्रम में तीन तीर्थ स्थानों का चयन करना होगा। जिनका चयन लॉटरी के हिसाब से होगा।
यह होंगे यात्रा के हकदार
देवस्थान विभाग के अनुसार निशुल्क यात्रा के हकदार राजस्थान के मूल निवासी ही होंगे। जिनका जन्म 1 अप्रेल 1962 से पहले हुआ हो। वे आयकर दाता नहीं होने चाहिए। सेवानिवृत कर्मचारी भी आयकर दाता नहीं है तो यात्रा का लाभ ले सकेंगे। भिखारी, मानसिक व शारीरिक रूप से अक्षम तथा कोरोना की दोनों डोज रहित यात्री तीर्थ यात्रा योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। पिछली तीर्थ यात्रा योजना में शामिल व लॉटरी में चयनित होने के बाद यात्रा नहीं करने वाले वरिष्ठ नागरिक भी यात्रा नहीं कर सकेंगे।
जीवन साथी या सहयोगी साथ ले जाने की सुविधा
तीर्थ यात्रा योजना में आवेदक अपने जीवन साथी को भी निशुल्क साथ ले जा सकेगा। भले ही उसकी आयु 60 वर्ष से कम हो। पति पत्नी दोनों को सहायक 75 वर्ष की उम्र होने पर ही मिल सकेगा। यदि आवेदक दिव्यांग या 70 वर्ष का अकेला है तो भी वह सहायक साथ ले जा सकेगा। हवाई यात्रा में सहायक की सुविधा नहीं होगी। सहायक की आयु 21 से 50 वर्ष होनी चाहिए।
इनका कहना है
पोर्टल पर तकनीकी खामीं की वजह से वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के लिए आवेदन में परेशानी थी। जिसे दूर किया गया है।
विश्वनाथ श्रीमाली, निजी सचिव, देवस्थान विभाग