प्रत्याशी का ‘आधार’
आमदनी: खेती।
सोशल मीडिया: फेसबुक पेज पर 76 हजार से ज्यादा लाइक्स, ट्विटर पर कभी-कभी सक्रिय।
पहचान: युवा व किसानों के मुद्दों के जरिए पहचान बनाने में सफल रहे।
अनुभव: धोद क्षेत्र के प्रधान रहे। पिछली बार विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे।
पांच साल सक्रियता: संगठन में बड़ी जिम्मेदारी होने के बाद भी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे।
मंडावा में भाजपा को ही हराने वाले निर्दलीय नरेन्द्र कुमार को मिला टिकट
मंडावा. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराने वाले नरेन्द्र कुमार खींचड़ पर भाजपा ने विश्वास करते हुए मंडावा से प्रत्याशी घोषित किया है। प्रत्याशी घोषित होते ही उसके समर्थकों में खुशी छा गई। रात को ही पटाखे छोड़े गए व मिठाई बांटी गई।
कमालसर गांव के रहने वाले नरेन्द्र कुमार एक चुनाव हार चुके जबकि एक जीत चुके। वे प्रधान भी रह चुके। पिछले चुनावों में वे निर्दलीय खड़े हुए थे, लेकिन जीत के बादभाजपा को समर्थन दिया था। इस पर उनके क्षेत्र ेमें सरकारी कॉलेज भी खुली थी। पिछले चुनाव में उन्होंने भाजपा के सलीम तंवर व कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ चंद्रभान को हराया था। मुख्य मुकाबला दोनों निर्दलीय रीटा चौधरी व नरेन्द्र के बीच था।
प्रत्याशी का ‘आधार’
आमदनी: खेती और स्कूल से
सोशल मीडिया: फेसबुक पेज व अन्य सोशल साइट्स पर एक्टिव
पहचान: किसानों के संघर्ष करने वाले जमीनी नेता।
अनुभव: विधायक रहे चुके। प्रधान रहे चुके। स्कूल चलाने का अनुभवन
अक्सर कहां मिलते हैं: इंडियन रीको ओद्योगिक क्षेत्र स्थित खुद के निजी आवास या मंडावा विधानसभा क्षेत्र के किसी गांव या कस्बे में।