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इस सरकारी महकमे के अफसरों की ढिलाई से सरकार को लगा लाखों का चूना

locationसीकरPublished: Oct 18, 2019 05:53:35 pm

प्रदेश में कई व्यवस्थापकों मनमर्जी से उठाए वेतन भत्तेअब रजिस्ट्रार ने दिए जांच के आदेश, हर माह लाखों रुपए का फटका

सरकारी अफसरों की ढिलाई से सरकार को लगा लाखों का चूना

सरकारी अफसरों की ढिलाई से सरकार को लगा लाखों का चूना

सीकर. ऋण वितरण और सरकार के प्रति सजग रहने का दावा करने वाले व्यवस्थापक ही सहकारिता विभाग को चूना लगा रहे हैं। इसकी बानगी है कि प्रदेश में सात सौ व्यस्थापकों ने सेवा नियमों के विरूद्ध सहकारी समितियों के कोष से वेतन भत्ते उठा लिए हैं। आश्चर्य की बात है कि प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने इसका जवाब मांगा तो जिम्मेदारों ने अभी तक प्रश्न का जवाब तक नहीं दिया है। जिससे साफ नजर आ रहा है कि विभागीय मिलीभगत से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। यह नहीं प्रदेश में बिना नियुक्ति के लगे कई व्यवस्थापकों ने तो विभाग के भर्ती सेवा नियम 2008 की शर्तों की पालना तक नहीं की है। गौरतलब है कि यह सब लम्बे समय से अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है कई शिकायतों के बावजूद अधिकारी और मंत्री तक इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं।
बिना स्वीकृति तय किया वेतन
सहकारिता विभाग में कई व्यवस्थापक मनमर्जी से बिना सक्षम स्वीकृति खुद का वेतन स्थिरीकरण कर रहे हैं। शर्तों में नहीं होने के बावजूद नई ग्रेड से वेतन उठा रहे हैं। मनचाही वेतन वृद्धि और परिलाभ ले रहे हैं। इसका कारण है कि विभागीय ऑडिट बंद करने और ग्राम स्तर की कमेटियों में सीधे-साधे ग्रामीणों के सदस्य है इस कारण कई व्यवस्थापक समितियों को चूना लगाकर सीधे तौर जनता के पैसे को डकार रहे हैं।
यह है नियम
ग्राम सेवा सहकारी समिति जो पिछले लगातार तीन वर्षों में लाभ में हो। व्यवस्थापक को ग्रेड देने के बावजूद समिति की आर्थिक स्थिति न गडबड़ाए। संबंधित व्यवस्थापक पर किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितताएं के आरोप नहीं हो साथ ही संबंधित व्यवस्थापक के वेतन बढ़ोतरी की अनुशंसा बैंक के शाखा प्रबंधक की अनुशंषा पर हो।
ये है हकीकत
ग्राम सेवा सहकारी समिति में कई व्यवस्थापकों ने समिति स्तर पर प्रस्ताव ले लिए। और वेतन स्थिरीकरण सहित बकाया एरियर की राशि उठा ली। समिति की रोकड़ में से यह राशि उठा ली और पीएफ की राशि का डीडी बनाकर हेडऑफिस भेज दी। जिससे तत्कालीन अधिकारियों ने देखे बिना एपेक्स बैंक भेज दी।
ऋण वितरण पर सीधा असर
प्रदेश की पांच हजार से ज्यादा ग्राम सेवा सहकारी समितिया हैं। जिनमें कई व्यवस्थापकों ने विभागीय आदेशों को दरकिनार कर समिति स्तर पर वेतन वृद्धि और एरियर का भुगतान उठा लिया है। इस भुगतान को बजाए ग्राम समिति के वेतन कोष के सीधे रोकड़ में से लिया जा रहा है। इसका असर समिति की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है। जिसका असर सदस्यों के वेतन वितरण पर भी पड़
रहा है।
इनका कहना है
प्रदेश में व्यवस्थापकों की ओर से बिना सक्षम स्वीकृति के वेतन भत्ते उठाने की शिकायत को लेकर विधानसभा में प्रश्न लगाया गया है। सभी जीएसएस से इस प्रश्न के जबाब नहीं आने पर रिमांडर भेजा गया है। समय पर जवाब नहीं देने वाली समिति पर कार्रवाई की जाएगी।
बीएल मीना, प्रबंध निदेशक, सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड
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