सीकर. कोरोना पर रोक लगाने के सरकारी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) की वजह से प्रदेश में 15 दिनों में संक्रमित मरीजों की संख्या आठ गुना बढ़ गई है। प्रदेश में कोरोना (corona) के एक्टिव केस की संख्या भी 13 हजार से बढकऱ 55 हजार को पार कर गई है। लेकिन अभी तक सरकार ने क्वॉरंटीन सेंटरों को दुबारा से शुरु करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि प्रदेश में क्वॉरंटीन सेंटर शुरू होने पर संक्रमण की कड़ी को रोका जा सकता है। प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, अलवर व अजमेर सहित अन्य जिलों में एक्टिव केस की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री के साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों की वीसी में विभिन्न संगठनों की ओर से यह मांग गूंज चुकी है। इस दौरान चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने समीक्षा के बाद निर्णय लेने की बात कही थी।
ऑनलाइन ट्रेसिंग व्यवस्था भी बंद
कोरोना की पहली लहर के दौरान प्रदेश में कोरोना मरीजों की निगरानी के लिए ऑनलाइन ट्रेसिंग व्यवस्था लागू की गई थी। इससे मरीजों के घर से बाहर निकलते ही सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के साथ प्रभारी अधिकारी के पास मैसेज आता था। कोरोना की दूसरी लहर में सरकार ने ऑनलाइन ट्रेसिंग व्यवस्था को शुरू नहीं किया। ऐसे में मरीजों के घरों पर रहने के नियमों की पालना नहीं हो पा रही है।
कटेंटमेंट जोन में ढील से बढ़ता संक्रमण
जिन क्षेत्रों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है उन क्षेत्रों में कटेंटमेंट जोन तो घोषत किया जा रहा है, लेकिन इसकी ग्राउंड पर सख्ती नजर नहीं आ रही है। खाटूश्यामजी इलाके में तीन दिन कटेंटमेंट इलाके की पालना हुई तब तक मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई थी।
बीट कांस्टेबलों के भरोसे निगरानी
प्रदेश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या सभी जिलों में लगातार बढ़ती जा रही है। इसके बाद सरकार की ओर से कोरोना मरीजों के घर पर क्वॉरंटीन रहने के आदेशों की पालना की निगरानी व्यवस्था पूरी तरह बीट कांस्टेबलों के भरोसे है। जबकि वीकेंड कफ्र्यू की वजह से बीट कांस्टेबलों की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है। ऐसे में सरकार की ओर से यदि नगर निकाय, राजस्व, चिकित्सा, शिक्षा व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पहले से बनी कोर समिति को दुबारा से सक्रिय किया तो निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।