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अब सरकारी विद्यालयों में दूर से आने वाले बच्चों का किराया देगी सरकार, विद्यार्थी ऐसे ले सकते है लाभ

locationसीकरPublished: Apr 17, 2018 01:30:48 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

सरकारी विद्यालय में पढऩे आने वाले विद्यार्थियों के लिए इस बार भी राहत भरी खबर है। अब दूर से स्कूल आने वाले बच्चों का किराया खुद सरकार वहन करेगी।

Sikar news,govt pay the rent of students who come in govt school from far sikar

सीकर.

गांव-ढाणियों से सरकारी विद्यालय में पढऩे आने वाले विद्यार्थियों के लिए इस बार भी राहत भरी खबर है। अब दूर से स्कूल आने वाले बच्चों का किराया खुद सरकार वहन करेगी। बच्चे चाहें पैदल आएं अथवा सरकारी या निजी वाहन से। उनको स्कूल आने वाले दिन के प्रतिदिन दस रुपए मिलेंगे। कक्षा एक से पांचवीं तक पढऩे वाले ऐसे बच्चे, जो प्रतिदिन एक किलोमीटर दूर से स्कूल आते हैं, उनको हर कार्यदिवस के दस रुपए मिलेंगे। बच्चों को तीन किश्तों में यह राशि मिल चुकी, अब आगे भी देने की पूरी तैयारी की जा रही है। जो बच्चे कक्षा छह से आठवीं तक पढ़ रहे हैं उनको दो किलोमीटर दूर से आने पर प्रति कार्य दिवस के दस रुपए मिलेंगे। इस योजना का फायदा नए सत्र में मिलने की संभावना है। यह स्कीम नामांकन बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।


इतना मिला
जिले में एक से पांचवीं तक पढऩे वाले दस हजार 909 विद्यार्थियों को अब तक 49 लाख रुपए से अधिक का भुगतान कर दिया गया है। वहीं कक्षा छह से आठ तक पढऩे वाले 5461 विद्यार्थियों को अब तक 36 लाख रुपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। यह राशि सर्वशिक्षा अभियान के तहत दी जा रही है। अधिकारी इस राशि को पीईओ के सरकारी खाते में डालते हैं। पीइओ संबंधित संस्था प्रधान को यह राशि भेजता है। वहां से यह राशि बच्चों के खातों में डाली ज रही है। अब तक जनवरी के छह दिन के, फरवरी के बीस दिन के तथा मार्च की करीब 19 दिन की राशि बच्चों के खाते में डाल दी गई है। दूर दराज के बच्चों को प्रतिदिन स्कूल आने पर दस रुपए मिलने से उनका स्कूल आने के प्रति मोह बढ़ेगा। आने-जाने के लिए किराए में भी आर्थिक मदद मिलेगी। इससे सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढऩे की संभावना है। ड्रॉपआउट में भी कमी आने की संभावना है।


ट्रांसपोर्ट वाउचर स्कीम के तहत बच्चों को प्रति कार्यदिवस के हिसाब से दस रुपए का भुगतान किया जा रहा है। अब तीन माह का भुगतान किया जाएगा। नए सत्र से इसका फायदा देखने को मिलेगा। -रिछपाल सिंह, एडीपीसी, सर्वशिक्षा अभियान,सीकर

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