कोरोना की वजह से अटकी ग्राम सभा
कोरोना की वजह से प्रदेश की जिन ग्राम पंचायतों में चुनाव हो चुके हैं वहां ग्राम सभा नहीं हो पा रही है। इस कारण गांव-ढाणियों में विकास के नए काम भी नहीं हो पा रहे हैं। ग्राम सभाओं की वजह से नए प्रस्ताव भी ग्राम पंचायत नहीं ले पा रही है।
पहले एक साथ होते चुनाव, अब बदलेगा पूरा गणित
प्रदेश में पिछले चुनाव तक पंचायतीराज संस्थाओं के एक साथ चुनाव होते रहे हैं। कांग्रेस सरकार के राज में अलग-अलग समय में चुनाव होने की वजह से पूरा गणित भी बिगड़ेगा। एक्सपर्ट का कहना है कि इस साल समय पर चुनाव नहीं होने की वजह से अगले चुनाव का शिड्यूल भी पूरी तरह बिगड़ेगा। ऐसे में पांच साल बाद भी गांव-ढाणियों के लोगों को प्रशासकराज के फेर में उलझना होगा।
फिर दुबारा आचार संहिता से प्रभावित होंगे आमजन के काम
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संदीप कलवानिया का कहना है कि पंचायतीराज संस्था ग्रामीण विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। समय पर चुनाव नही होने के कारण आमजन के कई महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो रहे है। सरकार को जिला परिषदों एवं पंचायत समितियों के चुनाव भी साथ ही करवाने चाहिए ताकि बार-बार आचार संहिता लगने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकें।