छोटे बेटे के घर में अकेली रहती थी दादी
वृद्धा रामीदेवी चार बेटों की मां है। वह अपने छोटे बेटे सुरेन्द्र सिंह के मकान में अकेली रहती थी। सुरेन्द्र सिंह एनआरआई है। दादिया थानाधिकारी सुभाष चंद ने बताया कि आरोपी के पिता शिक्षक कैलाशचंद पंवार का इससे करीब पांच सौ मीटर दूर ही मकान है। सुरेन्द्र सिंह ने अपने मकान में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं। आरोपी ने वारदात को अंजाम दे दिया, लेकिन सीसीटीवी में फुटेज आने का कोई उसे आभास नहीं था। परिवार दाह संस्कार कर घर वापस आ गया था। इसके बाद शक के आधार पर फुटेज की जांच की गई तो किसी की उपस्थिति नजर आई। लेनिक देवेन्द्र का चेहरा इसमें साफ नहीं दिखाई दिया। लेकिन देवेन्द्र डरकर वहां से डीवीआर चोरी कर ले गया। घर से डीवीआर चोरी होने पर परिजनों का शक गहरा गया और देवेन्द्र के पिता कैलाशचंद ने ही पुलिस को इसकी सूचना दी।
पुलिस ने जुटाए साक्ष्य, परिवार से की पूछताछ
शव का अंतिम संस्कार होने के कारण पुलिस ने मौके को ही जांच का आधार बनाया। एमओबी टीम को बुलाकर जांच की गई तो दीवार पर खून के निशान पाए गए। ऐसे में साफ था कि वृद्धा की मौत दीवार के सिर टकराने से ही हुई है। पुलस ने परिवार के लोगों को ही शक के दायरे में लेकर जांच शुरू की। पूछताछ के दौरान देवेन्द्र टूट गया और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। ऐसे में पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
नौकरी छूटने पर लगी गैम की लत
दादी की हत्या करने वाला देवेन्द्र सिंह बीएससी बीएड तक पढ़ा लिखा है। वह शादी-शुदा है और तारपुरा के निजी स्कूल में पढ़ाता था। लॉकडाउन में उसकी नौकरी छूट गई। इसके बाद से उसे ऑनलाइन गैम खेलने की लत हो गई। गैम के चलते उसके तीन लाख रुपए का कर्ज हो गया। ऐसे में उसे वॉलेट में डालने के लिए पैसों की आवश्यकता थी। उसे पता था कि दादी घर में अकेली रहती है और चाचा भी विदेश से पैसा भेजता होगा। ऐसे में उसने दादी के यहां से चोरी करने की योजना बनाई।
घर में पहले हुई थी चोरी, सुरक्षा के लिए लगाए थे सीसीटीवी
सुरेन्द्र सिंह के जिस मकान में रामी देवी अकेली रहती थी। उस घर में पहले चोरी की वारदात हुई थी। ऐसे में सुरक्षा के लिए घर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। चोरी की वारदात होने के कारण रामीदेवी अपने पास पैसा भी नहीं रखती थी। पेंशन व अन्य पैसे वह अपने परिचित के पास रखती थी। ऐसे में आरोपी को घर में एक भी पैसा नहीं मिला।