सीकर

अंधड संग ओले और बारिश से तर हुआ शेखावाटी

– दो दिन की तपन के बाद मिली राहत, देर रात गरजते रहे बादल, देर रात के बारिश के कई दौर- 22 किलोमीटर की रफ्तार वाली तेज हवाओं के संग बारिश, हवा में घुली ठंडक

सीकरApr 17, 2021 / 10:53 am

Ashish Joshi

अंधड संग ओले और बारिश से तर हुआ शेखावाटी

 

सीकर. उत्तरी पाकिस्तान में पनपे पश्चिमी विक्षोभ का असर शुक्रवार को सीकर में भी नजर आया। सुबह से छाए बादल दोपहर बाद गर्जना के साथ बरसने लगे तेज चक्रवाती हवाओं के बीच जिले में कांवट में बेर के आकार के ओले गिरे। पाटोदा इलाके में करीब दो घंटे तक बारिश हुई। कई जगह चने के ओले गिरे तो महज बूंदाबांदी हुई। सीकर शहर सहित नीमकाथाना, धोद, श्रीमाधोपुर, सीकर शहर, अजीतगढ़ इलाके सूंटे के साथ बारिश हुई। बारिश के कारण वातावरण में नमी घुल गई पिछले दो दिन की गर्मी छूमंतर हो गई। जिले में चक्रवात के साथ हुई बारिश का दौर करीब 15 मिनट से दो घंटे तक चला। सीकर शहर सहित जिले में इसके बाद भी रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहा। बारिश के बाद चली ठंडी हवाओं ने मौसम को खुशगवार कर दिया। फतेहपुर कृषि अनुसंधान केन्द्र पर अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 19.6 डिग्री दर्ज किया गया। सीकर में न्यूनतम तापमान 21.5 डिग्री और चूरू में न्यूनतम तापमान 22.1 डिग्री रहा।
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बादल देख चिंतित हुए किसान
रबी की फसलों की इस कटाई चल रही है। अंधड के कारण पेडों की हल्की शाखाएं गिर कर मार्गों पर बिखर गई। तेज हवाएं चलने से गुल हुई बिजली देर रात तक बहाल नहीं हो सकी। तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट आ गई। बारिश के साथ आए अंधड ने फतेहपुर कृषि अनुसंधान सहित कई इलाकों में खलिहानों में रखी फसलें तेज हवाओं के कारण उड़ गई। बरसात में भीगने के कारण थ्रेसिंग वाली फसलें भी भीग गई है। बारिश में भीगी फसल को सुखाने के बाद ही थ्रेसिंग हो पाएगी। वहीं उद्यानिकी में नुकसान होगा। इस कारण किसान की प्रति बीघा लागत बढ़ जाएगी। वहीं फसलों के भीगने से दानों की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी । जिससे किसानों को अच्छे भाव नहीं मिल पाएंगे।
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बादलो की गर्जना बढ़ा रही चिंता
अचानक बदले मौसम की मार से किसानों की फसलों में लाखों रुपए का नुकसान हो गया है। किसान शिशुपाल सिंह खरबास ने बताया कि इस समय रबी की 60 फीसदी फसलों की कटाई हो चुकी है। फसलों की कटाई होने के कारण पशुचारा भी नहंी उठाया है। सबसे अधिक नुकसान चना में हुआ है। गेहूं व मैथी की लावणी चल रही है। खेतों में जगह-जगह ढेर लगे होने के कारण किसान इन फसलों को ढक भी नहीं पाए। इससे नुकसान का आंकड़ा बढ़ गया है।
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आज भी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का असर अगले घंटे के दौरान भी नजर आएगा। 17 अप्रेल को अलवर, भरतपुर, झुंझुनूं जिले में कहीं धूलभरी आंधी, बिजली गिरना और 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार उसे हवाएं चलने का अंदेशा है। जिसका असर सीकर जिले में नजर आएगा। इसके बाद मौसम खुल जाएगा और वातावरण शुष्क रहेगा।
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दोपहर में बदला मौसम
इससे पहले अंचल में सुबह से मौसम साफ था। सुबह दस बजे तक सूरज खिला रहा। इसके बाद धीरे धीरे बादल घिरना शुरू हुए। जिसके बीच बीच में सूरज की लुका छिपी चलती रही। दोपहर में करीब ढाई बजे अचानक हवाओं ने रफ्तार पकड़ी। देखते देखते धूल भरी आंधी का गुब्बार छा गया। जिसके साथ गरज रहे बादलों ने भी बरसना शुरू कर दिया। जो हल्के तो कभी तेज बौछारों के रूप में अब तक बरस रहे हैं। ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान का कृषि पर्यवेक्षकों की ओर से जायजा लिया जा रहा है। इसके बाद ही नुकसान की स्थिति साफ होगी।
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72 घंटे में दे सकेंगे सूचना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बेमौसम बारिश या ओलावृष्टि से फसल खराब होने पर, सूखा, बाढ़, जलप्लावन, भू स्खलन, प्राकृतिक आग, आकाशीय बिजली का गिरना, तूफान से नुकसान होने पर बीमित को मुआवजा देने का प्रावधान है। इसके अलावा बीमित किसान को फसल काटने के बाद (14 दिन तक) भी खेत मे सूखने के लिए डाली गयी फसल का नुकसान होने पर भी क्लेम मिलता है। ऐसे में बीमित किसान को नुकसान की स्थिति में 72 घंटे मे बीमा कंपनी के टोल फ्री नम्बर पर सूचना देनी होती है। इसके अलावा नुकसान होने पर सात दिन के दौरान संबंधित इलाके के कृषि विभाग को सूचित किया जा सकता है।ुआवजा देने का प्रावधान है। इसके अलावा बीमित किसान को फसल काटने के बाद (14 दिन तक) भी खेत मे सूखने के लिए डाली गयी फसल का नुकसान होने पर भी क्लेम मिलता है। ऐसे में बीमित किसान को नुकसान की स्थिति में 72 घंटे मे बीमा कंपनी के टोल फ्री नम्बर पर सूचना देनी होती है। इसके अलावा नुकसान होने पर सात दिन के दौरान संबंधित इलाके के कृषि विभाग को सूचित किया जा सकता है।

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