शनि ग्रह गुरु के स्वामित्व वाली राशि धनु में रहेगा। ये तीनों ग्रह एक-दूसरे की राशि में रहेंगे। शुक्र अपनी खुद की तुला राशि में रहेगा। शुक्र के इस राशि में होने से मालव्य योग बन रहा है। इस योग में शुरू किए गए कार्यों से धन-धान्य की वृद्धि होती है। इस वजह से दिवाली पर की गई पूजा बहुत जल्दी शुभ फल प्रदान कर सकती है।
इस साल से पहले एक नवंबर 1959 को दीपावली पर गुरु वृश्चिक में, शनि धनु राशि में था। जब बुधवार को दीपावली आती है तो ये बहुत ज्यादा शुभ फल प्रदान करने वाली मानी जाती है। यह योग व्यापार शुरू करने के लिए बहुत शुभ रहता है। व्यापार में लगातार उन्नति के योग बनते हैं।
शुक्र के मालव्य योग में शुरू किए गए कार्य ऐश्वर्य, धन और सुख प्रदान करते हैं। ग्लेमर से जुड़े लोगों के लिए यह योग फायदेमंद रहने वाला है। शुक्र के कारण इस क्षेत्र से जुड़े लोग विशेष सफलता हासिल करेंगे। गुरु ग्रह मंगल की राशि में होने से जमीन से जुड़े कार्य करने वाले अच्छा मुनाफा कमाएंगे। शनि गुरु की राशि में होने से डॉलर के भाव में कमी आने संभावना है। रुपया मजबूत हो सकता है। तेल के भाव भी कम हो सकते हैं।
जहां शांति वहां लक्ष्मी का वास
दीपावली पर सुबह महाकाली की पूजा करनी चाहिए। दोपहर में पितरों का पूजन करना चाहिए। दीपावली की शाम गणेशजी, महालक्ष्मी,सरस्वती और कुबेरदेव की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद हनुमानजी की पूजा करें। दिवाली पर क्रोध न करें। घर क्लेश नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि जिन घरों में शांति रहती है, वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है।