scriptशरद पूर्णिमा की रात शायद ही देखा होगा ऐसा दृश्य… | Hardly seen the night of Sharad Purnima, such a scene | Patrika News

शरद पूर्णिमा की रात शायद ही देखा होगा ऐसा दृश्य…

locationसीकरPublished: Oct 14, 2019 06:24:22 pm

Submitted by:

Gaurav

शरद पूर्णिमा पर सीकर के टोडा गांव में एक साथ ठाकुर जी को लगाया खीर का भोग तो जुटना पड़ा पूरे गांव को।

शरद पूर्णिमा की रात शायद ही देखा होगा ऐसा दृश्य...

शरद पूर्णिमा की रात शायद ही देखा होगा ऐसा दृश्य…

सीकर. नीमकाथाना के टोडा गांव में रविवार को शरद पूर्णिमा पर बड़े स्तर पर ठाकुर जी को खीर का भोग लगाया। समीपवर्ती दाऊ धाम मंदिर कालाकोटा में 151 क्विटंल दूध की खीर भोग लगाया। इस अवसर पर भगवान दाऊ का अलौकिक शृंगार किया।
शाम चार बजे से बनना शुरू हुई खीर
यहां शाम करीब चार बजे से खीर बनना शुरू हुई। जो देर रात तक चलती रही। खीर बनाने में दस हलावाई लगाएं गये। मध्यरात्रि को ठाकुर जी को खीर का भोग लगाकर पंगत प्रसादी वितरण की। इस दौरान गायक कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई। क्षेत्र में मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ने भगवान को धोक लगाकर मन्नतें मांगी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी के खीर का भोग लगने के बाद प्रसादी पाई गांव के समीपवर्ती धाम दाऊ धाम पर खीर का प्रसाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए। भजनों की रसगंगा में भक्तों ले डूबकी लगाई। वहीं टपकेश्वर धाम, अविनाशी धाम, ईसरोड़ा धाम, बालेश्वर धाम, देवनारायण मंदिर, बिहारी जी मंदिर, गोपाल जी मंदिर सहित क्षेत्र के अन्य मंदिरों में शरद पूर्णिमा पर खीर का भोग लगाकर पंगत प्रसादी वितरित की।
चांद की रोशनी में किया अमृत पान
सीकर शहर में भी शरद पूर्णिमा का पर्व रविवार को आस्था व उल्लास से मनाया गया। घर से लेकर मंदिरों तक में दिनभर पूजा अर्चना के कार्यक्रम हुए। शास्त्रानुसार भगवान को खीर का प्रसाद चढ़ाकर चांद की रोशनी में अमृतपान किया गया।
मंदिरों में निशान पद यात्रा, सुंदरकांड और भक्ति गीतों का उल्लास छाया रहा। पूर्णिमा के साथ अश्विन मास की समाप्ति और कार्तिक के पवित्र महीने की शुरुआत भी हो गई। इसमें महीनेभर के उपवास के साथ तीर्थ स्थलों पर स्नान,ध्यान और दान का सिलसिला जारी रहेगा। करवा चौथ के साथ दिवाली का पांच दिवसीय महोत्सव भी इसी महीने में शामिल होगा। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि कार्तिक मास का पुण्यकाल शरद पूर्णिमा से ही शुरू हो जाता है। यह एक महिना धर्म और धन वृद्धि के साथ दान के लिहाज से श्रेष्ठ माना जाता है।

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