रविन्द्र सिंह राठौड़
सीकर. हर शुभ कार्य में अनिवार्य समझे जाने वाले पवित्र गंगाजल को घर-घर पहुंचाने वाला डाकघर सीकर में इसे बेचने में फेल हो रहा है। केन्द्र सरकार की योजना के तहत तीन तरह के गंगाजल की बिक्री की जा रही है। गंगोत्री के गंगाजल की तो खूब बिक्री हुई, लेकिन हरिद्वार व ऋषिकेष के गंगाजल की बिक्री कम हो रही है।
बोतल बंद गंगाजल को सस्ती दर पर घर-घर पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार ने डाकघरों के माध्यम से यह योजना दो वर्ष पहले जुलाई में शुरू की थी। राज्य के सभी डाकघरों में यह बिक्री के लिए उपलब्ध है। सीकर में अभी ऋषिकेष व गंगोत्री का बोतल बंद गंगाजल बिक्री के लिए आया हुआ है। लेकिन सीकर में इसकी बिक्री कम हो रही है। बिक्री नहीं होने का बड़ा कारण तो इसका प्रचार-प्रसार नहीं होना है। इसके अलावा स्थानीय लोगों का यह भी कहना है काम बढऩे के कारण डाकघर के कर्मचारी अधिकांश ग्राहकों को टालकर भेज देते हैं।
हर जगह का महत्व
हर स्थान के गंगाजल का अपना धार्मिक महत्व है। श्रद्धालु भी गंगा में डुबकी लगाने के लिए अपनी सुविधा व धार्मिक मान्यता के अनुसार तीर्थ चुनते हैं। गंगोत्री को गंगा का उद्गम माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऋषिकेश में भगवान विष्णु के चरण पड़े थे। इसके अलावा ऋषिकेष व हरिद्वार का भी विशेष महत्व है। धार्मिक आस्थावान लोगों की मान्यता है कि हरिद्वार को भगवान हरि का द्वार भी कहा जाता है।
खराब नहीं होता पानी
मान्यता यह है कि पावन गंगा का पानी कई वर्षों तक खराब नहीं होता। ना ही इसमें किसी प्रकार के कीटाणु पैदा होते हैं। इसके अलावा डाकघर प्लास्टिक की बोतल में बंद कर इसे बेच रहा है। यह बोतल एयरटाइट है, इसमें बाहर से भी कीटाणु या जीवाणु का प्रवेश नहीं होता। इस कारण भी खराब
नहीं होता।
यह है कीमत सीकर में
200 एमल 22 रुपए में
500 एमल 28 रुपए में
अभी तक बिका
200 एमल 556 बोतल
500 एमल 450 बोतल
200 एमल 22 रुपए में
500 एमल 28 रुपए में
अभी तक बिका
200 एमल 556 बोतल
500 एमल 450 बोतल