इधर, बांधों में पानी की आवक तेज हो गई है। कई नदियों का जलस्तर बढऩे से बुधवार को दोपहर तक रास्ते बंद रहे। रेलवे के अंडरपासों में पानी भरने से आवागमन बाधित रहा। कई वर्षों के बाद 16 फीट की क्षमता वाला रायपुर पाटन बांध लबालब हो गया। इस पर करीब डेढ फीट की चादर चली।
कई वर्षों के बाद खंडेला क्षेत्र में शेखावाटी की लाइफ लाइन कही जाने वाली काटली नदी उफान पर रही। इस कारण झुंझुनूं से जयपुर मार्ग कई घंटों तक बाधित रहा। भराला नदी, सिरोही नदियां भी कलकल बहती रही। इसके अलावा भी अनेक मार्ग बाधित रहे। सीकर में रात से सुबह तक रिमझिम बरसात होती रही। कई स्कूलों की छुट्टी कर दी गई। कर्मचारी देरी से दफ्तर पहुंचे।
(जिले में सर्वाधिक) 210 एमएम बारिश नीमकाथाना में बुधवार को
(जिले में सर्वाधिक) 233 एमएम बारिश खण्डेला में अभी तक
(जिले में न्यूनतम) 1.5 फीट चादर चली रायपुर पाटन बांध पर (16 फीट की क्षमता)
(जिलेभर के आंकड़े) जलाशय
बांध आवक (फीट)
रायपुरा पाटन 16
दीपावास 8
माकड़ी 5
श्यामपुरा बिहार 4
चीपलाटा 4
सागर की मोरी 9
राणासर 4
भूदोली 3.5
फिरास वाला बांध 15
(बुधवार दोपहर तीन बजे तक, पानी की आवक जारी थी।)
शहर बारिश एमएम
नीमकाथाना 210
सीकर 63
दांतारामगढ़ 10
श्रीमाधोपुर 136
लक्ष्मणगढ़ 13
रामगढ़ 11
फतेहपुर 29
खंडेला 68
(बरसात 24 घंटे में बुधवार सुबह 8 बजे तक) इन नदियों में आया पानी
काटली, भराला, सिरोही, धोबीघाट, अविनाशी, काचरेड़ा, रूपावती
गिरे मकान,टूटे एनीकट
तेज बरसात के दौरान कुल्लाड़ा एनीकट, छीपली ढाणी एनीकट, पालासाली एनीकट, रावतोड़ा एनीकट टूट गए। इसके अलावा दो दीपावास में एक जाटाला में भी एनीकट टूट गया। गांवड़ी में 3 कच्चे मकान व एक मुर्गी फार्म हाउस गिर गया।
नवलगढ़ रोड पर आवागमन बंद
बारिश के कारण बुधवार को नवलगढ़ रोड बस स्टैण्ड क्षेत्र में आगवामन पूरी तरह बंद रहा। व्यापार संघ के महेन्द्र काजला ने बताया कि नगर परिषद को कई बार शिकायत देने के बाद भी समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी विद्यार्थियों को भुगतनी पड़ी। वहीं सदर थाना व कलक्टर आवास में भी पानी घुस गया।
नगर परिषद सभापति जीवण खां ने परिषद टीम के साथ शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने नगर परिषद टीम को पानी निकासी के इंतजाम तत्काल करने के निर्देश दिए।
स्कूल की टूटी चार दीवारी
तेज वर्षा के कारण राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय चला की ढाणी की दीवार भी टूट गई। ग्रामवासियों के अनुसार आस पास के खेतों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों का पानी मेड़ तोडकर स्कूल की चार दीवारी के पास तक आ गया जिससे पहले पूर्व की दीवार टूट गई।