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पीसीसी चीफ डोटासरा के क्षेत्र में चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक, उलझा पेंच

locationसीकरPublished: Jan 22, 2021 09:08:08 am

पीसीसी चीफ व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की गृह पंचायत लक्ष्मणगढ़ में पंचायत समिति चुनाव का पेंच ज्यादा उलझता नजर आ रहा है।

पीसीसी चीफ डोटासरा के क्षेत्र में चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक, उलझा पेंच

पीसीसी चीफ डोटासरा के क्षेत्र में चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक, उलझा पेंच

सीकर/लक्ष्मणगढ़. पीसीसी चीफ व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (PCC Chief and Education Minister Govind Singh Dotasara) की गृह पंचायत लक्ष्मणगढ़ में पंचायत समिति चुनाव का पेंच (sikar laxmangarh panchayat samiti member dispute) ज्यादा उलझता नजर आ रहा है। वार्ड 18 के बर्खास्त सदस्य के तीसरी संतान के मामले में जारी विवाद अब हाईकोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया है। जिसमें तीन संतान के मामले में बर्खास्त पंचायत समिति सदस्य विजेन्द्र की बर्खास्तगी पर कोई फैसला नहीं सुनाया है, लेकिन उसके वार्ड में प्रस्तावित नए चुनाव पर रोक लगा दी है। इस वजह से मामला और उलझता हुआ नजर आ रहा है। न्यायालय के फैसले के बाद भी प्रधान मदन सेवदा का खेमा पूरी तरह उत्साहित नजर आया। दरअसल, पिछले दिनों पंचायतीराज विभाग ने पंचायत समिति के वार्ड 18 से निर्वाचित हुए सदस्य विजेन्द्र जांगिड़ को बर्खास्त कर वार्ड में दुबारा चुनाव प्रक्रिया शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इस पर सदस्य की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय की शरण ली। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अशोक कुमार गौर की एकल पीठ ने विजेन्द्र कुमार बनाम सरकार व अन्य के मामले में आगामी आदेश तक चुनाव पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार को निर्वाचित प्रत्याशी की ओर से प्रधान तथा उपप्रधान के निर्वाचन में डाले गए मत को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए है।


प्रधानी के चुनाव से पहले तीसरी संतान का पेंच
पंचायत समिति के वार्ड 18 से भाजपा के विजेन्द्र जांगिड़ सदस्य निर्वाचित हुए थे। लेकिन प्रधान पद के लिए हुए चुनाव से पहले राज्य सरकार ने विजेन्द्र को तीसरी संतान के मामले में दोषी मानते हुए निलम्बित कर दिया था। बाद में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के आदेश पर विजेन्द्र ने प्रधान तथा उपप्रधान के चुनाव में मतदान तो कर दिया लेकिन उनके मत को अलग डिब्बे में डालकर सील कर दिया गया। बाद में एक जनवरी को राज्य सरकार ने आदेश जारी कर विजेन्द्र को बर्खास्त कर वार्ड में दुबारा निर्वाचन प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दे दिए। जिसके खिलाफ परिवादी ने उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन दायर कर दी।

बराबर वोट आने पर लॉटरी से हुआ फैसला
गौरतलब है कि तीसरी संतान की वजह से गहराए विजेन्द्र की अयोग्यता के विवाद के चलते प्रधानी के चुनाव में बराबर वोट आने पर देर रात तक परिणाम जारी नहीं हो सका था। बाद में जिला निर्वाचन अधिकारी ने लॉटरी के जरिए फैसला करने के निर्देश दिए थे। ऐसे में प्रधानी की सीट पर कांग्रेस के मदन सेवदा ने बाजी मारी थी।

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