प्रधानी के चुनाव से पहले तीसरी संतान का पेंच
पंचायत समिति के वार्ड 18 से भाजपा के विजेन्द्र जांगिड़ सदस्य निर्वाचित हुए थे। लेकिन प्रधान पद के लिए हुए चुनाव से पहले राज्य सरकार ने विजेन्द्र को तीसरी संतान के मामले में दोषी मानते हुए निलम्बित कर दिया था। बाद में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के आदेश पर विजेन्द्र ने प्रधान तथा उपप्रधान के चुनाव में मतदान तो कर दिया लेकिन उनके मत को अलग डिब्बे में डालकर सील कर दिया गया। बाद में एक जनवरी को राज्य सरकार ने आदेश जारी कर विजेन्द्र को बर्खास्त कर वार्ड में दुबारा निर्वाचन प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दे दिए। जिसके खिलाफ परिवादी ने उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन दायर कर दी।
बराबर वोट आने पर लॉटरी से हुआ फैसला
गौरतलब है कि तीसरी संतान की वजह से गहराए विजेन्द्र की अयोग्यता के विवाद के चलते प्रधानी के चुनाव में बराबर वोट आने पर देर रात तक परिणाम जारी नहीं हो सका था। बाद में जिला निर्वाचन अधिकारी ने लॉटरी के जरिए फैसला करने के निर्देश दिए थे। ऐसे में प्रधानी की सीट पर कांग्रेस के मदन सेवदा ने बाजी मारी थी।