यही नहीं इसी गांव के इस अस्पताल के निर्माण में भी एक महिला का ही उल्लेखनीय योगदान रहा है। दलपतपुरा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत होने के बाद वहां भवन की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में गांव की एक महिला कोकली देवी भामाशाह बनकर सामने आई और अपने पति जाराराम की स्मृति में अपनी कृषि भूमि में से ना सिर्फ जमीन अस्पताल के नाम कर दी बल्कि छह कमरों का निर्माण करवा कर सरकार को सौंप दिया। सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम कोकली देवी जाराराम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रख दिया।
ग्रामीण सजग, प्रशासन उदासीन
दलपतपुरा के ग्रामीण भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भौतिक संसाधन उपलब्ध करवा रहे हों पर प्रशासन पूरी तरह से अस्पताल की व्यवस्थाओं के प्रति उदासीन नजर आ रहा है। पिछले छह माह से यहां कोई चिकित्सक नहीं है । अस्पताल की व्यवस्थाएं मेल नर्स के भरोसे चल रही हैं। सरपंच बलराम गुर्जर ने बताया कि यहां कार्यरत चिकित्सक को छह माह पूर्व डेपुटेशन पर दूसरी जगह लगा दिया गया है। रविवार को उद्घाटन करने पहुंचे विधायक सुरेश मोदी को जब इस बात का पता लगा तो उन्होंने तुरंत बीसीएमएचओ को फोन कर यहां चिकित्सक की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।