एक चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार
विक्की एवं तमन्ना के शव घर पहुंचने के बाद दोनों की दो अर्थियां बनाई गईं। जब एक साथ अर्थियां उठीं तो हर व्यक्ति की आंख नम हो गई। परिजनों को संभालना मुश्किल हो गया। मोक्षभूमि में पति-पत्नी का एक चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। कस्बे के बाजार भी बंद रहे।
18 दिन में दूसरी मौत
हादसे का शिकार हुआ कार चालक ददरेवा निवासी रफीक परिवार में एकमात्र कमाऊ सदस्य था। उसके पिता की मृत्यु हुए शुक्रवार को 18 दिन ही पूरे हुए थे, लेकिन परिवार में एकमात्र कमाने वाला होने के कारण वह पिता की मौत का गम भुलाकर ड्राइवरी करने जयपुर गया था। रफीक का शव उसके घर पहुंचा तो उसके परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया।