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दूल्हा कलेक्टर तो दुल्हन आईआरएस अधिकारी, बैंड-बाजा न बारात, दोनों ने यूं रचाई शादी कि देखते रह गए सब

locationसीकरPublished: Feb 09, 2019 05:33:53 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

पश्चिमी बंगाल कैडर के आईएएस नवीन चंद्र और राजस्थान के चूरू की रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंजना की।

पश्चिमी बंगाल कैडर के आईएएस नवीन चंद्र और राजस्थान के चूरू की रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंजना की।

दूल्हा कलेक्टर तो दुल्हन आईआरएस अधिकारी, बैंड-बाजा न बारात, दोनों ने यूं रचाई शादी कि देखते रह गए सब

सीकर/सुजानगढ़.
देश में एक शादी सादगी, समझदारी, सद्भाव और समर्पण की नजीर बन गई है। शादी है एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर वधु और आईएएस वर की। जिन्होंने मानवीयता की वेदी पर अपने विवाह को मिसाल बना दिया। दरअसल सादगी से भरी इस शादी में संजीदगी से भरे इस जोड़े ने अपने पूरे खर्च को गरीब बच्चों के जीवन को समर्पित कर दिया और किसी भी तरह से खर्च से बचने के लिए कोर्ट में जाकर शादी रचाई है। जिसमें दहेज से भी पूरी तरह परहेज रख समाज को संतोष और समरसता का परिचय दिया गया है।

पश्चिमी बंगाल कैडर के आईएएस नवीन चंद्र और राजस्थान के चूरू की रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंजना की।

जी हां हम बात कर रहे है पश्चिमी बंगाल कैडर के आईएएस नवीन चंद्र और राजस्थान के चूरू की रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंजना की। वहीं अंजना कुमारी 2017 बैच की आईआरएस अधिकारी भी हैं। उन्होंने बिना दहेज व नए संकल्प से गाजियाबाद में शादी कर समाज को अच्छा संदेश दिया है। जानकारी अनुसार तहसील के बड़ावर गांव निवासी रामनिवास ढूकिया की पुत्री अंजना गाजियाबाद की एक मल्टीनेशनल कंपनी में उच्च पद पर कार्यरत है। गाजियाबाद निवासी नवीनचन्द्र जो 2016 -17 बैच के आईएएस हंै व अभी कोलकाता में नियुक्त हंै। फिजूलखर्ची रोकने के लिए बुधवार को गाजियाबाद जिला कलक्टर कार्यालय पहुंचकर शादी का पंजीयन कराया व कोर्ट मेरिज की। अंजना ने प्रारम्भिक शिक्षा गांव बड़ावर व उच्च माध्यमिक की पढ़ाई सुजानगढ़ के राजकीय पीसीबी उमा विद्यालय में की है। नव दम्पत्ति ने शादी के बाद संकल्प लिया कि चार निर्धन परिवारों की बच्चियों को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक पढ़ाई व प्रशिक्षण का संपूर्ण खर्च वे दोनों वहन करेंगे।

पश्चिमी बंगाल कैडर के आईएएस नवीन चंद्र और राजस्थान के चूरू की रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंजना की।

गरीब बच्चियों की करेंगे मदद
आइएएस नवीन का कहना है कि गरीब बच्चियों को शिक्षित करना सबसे बड़ी चुनौती है। हम चाहते हैं कि ऐसी बच्चियां पढ़-लिखकर समाज में ऊंचा मुकाम हासिल कर सके । उन्होंने बताया कि वह और उनकी पत्नी अंजना ऐसी बच्चियों को पढ़ाने का काम करेंगे। नवीन का कहना है कि आज भी राजस्थान और कई राज्यों में ऐसे गांव हैं जहां बच्चियों की शिक्षा सही से नहीं हो पाती है।

पश्चिमी बंगाल कैडर के आईएएस नवीन चंद्र और राजस्थान के चूरू की रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंजना की।

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