सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करने पर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रति जोड़ा 18 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है। इसमें 15 हजार रुपए की एफडी बधू के नाम से कराए जाने का प्रावधान है। जबकि तीन हजार रुपए विवाह सम्मेलन का आयोजन करने वाली संस्था को दिए जाते है।
महिला एवं बाल विकास विभाग क इस योजना के जरिए पिछले तीन साल में 65 बेटियों को मदद मिली है। यदि प्रदेश की बात करें तो पिछले तीन साल में 2500 से अधिक बेटियों को मदद मिली है। इस योजना के लागू होने से अब तक तीन बार नियमों में भी संशोधन हो चुका है।
बेटियों का कहना है कि कोरोना गाइडलाइन की वजह से सामूहिक विवाह सम्मेलन तो नहीं हो सकते है। लेकिन सरकार चाहे तो नियमों में बदलाव कर सकती है। इसके लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर प्रस्ताव भी तैयार हुआ था। लेकिन इसकी नई गाइडलाइन अभी तक जारी नहीं हो सकी।
शादी-समारोह के बड़े आयोजन पर रोक होने की वजह से प्रदेश में सामूहिक विवाह नहीं हो पा रहे हैं। सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करने पर 18 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है।
अनुराधा सक्सेना, सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता विभाग, सीकर
संतरा देवी, सरपंच, तारपुरा
डॉ. कमल सिखवाल, पूर्व अध्यक्ष, भाजयुमो