scriptसरकार बदले नियम तो मिले गरीब बेटियों को कन्यादान | If the government changes the rules, then poor daughters get Kanyadan | Patrika News

सरकार बदले नियम तो मिले गरीब बेटियों को कन्यादान

locationसीकरPublished: Jul 11, 2021 01:13:45 am

Submitted by:

Ajay

सरकार के नियमों में छूट से गरीब परिवारों की खुशियों हो सकती हैं अनलॉकप्रदेश में पांच हजार से अधिक परिवारों को सरकार की योजना का इंतजार


सीकर.
कोरोना की वजह से गरीब बेटियों के कन्यादान पर सरकार का ग्रहण लग गया है। कोरोना की पहली व दूसरी लहर की वजह से प्रदेश में एक साल से सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन नहीं हो रहे हैं। इसके साथ ही गरीब परिवारों की खुशियों भी लॉक हो गई है। दरअसल, सामूहिक विवाहों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है। ऐसे में जरूरतमंद परिवारों की ओर से नियमों में बदलाव की मांग उठने लगी है। प्रदेश में पांच हजार से अधिक परिवारों को इस योजना का इंतजार है। ऐसे परिवारों की ओर से लगातार मुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास मंत्री को पत्र भी लिखे जा रहे हैं। इसके बाद सरकार की ओर से नए नियमों को हरी झंडी नहीं दी गई है। प्रदेश में कुछ परिवार ऐसे भी है जो दहेज सहित अन्य प्रथाओं की वजह से सामूहिक विवाह सम्मेलन के जरिए ही शादी करना चाहते हैं। सरकार के नियम नहीं बदलने से ऐसे परिवारों की भी चुनौती बढ़ी है।
सम्मेलन में शादी पर 18 हजार का अनुदान
सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करने पर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रति जोड़ा 18 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है। इसमें 15 हजार रुपए की एफडी बधू के नाम से कराए जाने का प्रावधान है। जबकि तीन हजार रुपए विवाह सम्मेलन का आयोजन करने वाली संस्था को दिए जाते है।
सीकर में तीन साल में 65 को मिली मदद
महिला एवं बाल विकास विभाग क इस योजना के जरिए पिछले तीन साल में 65 बेटियों को मदद मिली है। यदि प्रदेश की बात करें तो पिछले तीन साल में 2500 से अधिक बेटियों को मदद मिली है। इस योजना के लागू होने से अब तक तीन बार नियमों में भी संशोधन हो चुका है।
बेटियां बोली, सामूहिक विवाह नहीं तो अनुदान तो दो
बेटियों का कहना है कि कोरोना गाइडलाइन की वजह से सामूहिक विवाह सम्मेलन तो नहीं हो सकते है। लेकिन सरकार चाहे तो नियमों में बदलाव कर सकती है। इसके लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर प्रस्ताव भी तैयार हुआ था। लेकिन इसकी नई गाइडलाइन अभी तक जारी नहीं हो सकी।
इनका कहना है
शादी-समारोह के बड़े आयोजन पर रोक होने की वजह से प्रदेश में सामूहिक विवाह नहीं हो पा रहे हैं। सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करने पर 18 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है।
अनुराधा सक्सेना, सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता विभाग, सीकर
सरकार को नियमों में बदलाव करना चाहिए, जिससे गरीब परिवार की बेटियों को कोरोनाकाल में मदद मिल सके। अब परिवार स्तर पर होने वाली शादी समारोह की पंचायत से सूचना लेकर अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया जा सकता है।
संतरा देवी, सरपंच, तारपुरा
राज्य सरकार की ओर से एक तरफ खुद विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए कोरोना गाइडलाइन तोड़ी जा रही है। सरकार को पिछले साल हुए विभिन्न जरूरतमंद परिवारों को अब आर्थिक सहायता देनी चाहिए, जिससे उनको संबल मिल सके।
डॉ. कमल सिखवाल, पूर्व अध्यक्ष, भाजयुमो
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो