कांग्रेस का जनता ने दिया साथ, फिर भी अधूरी रह गई आस
सीकर.ठीक एक साल पहले कांगे्रस ने अपने गढ़ में मजबूत वापसी कर सभी आठ विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर ली। चुनाव में कांग्रेस नेताओं ने यहां की जनता को खूब बड़े-बड़े सपने दिखाए। मेडिकल कॉलेज से लेकर कुम्भाराम लिफ्ट पेयजल परियोजना को लेकर खूब वादे किए। जनता ने कांग्रेस नेताओं पर विश्वास कर हाथ को मजबूत किया। लेकिन एक साल बाद भी यहां की जनता खाली हाथ है। सीकर जिले की जनता को एक साल में कोई भी बड़ा तोहफा नहीं मिला। कांग्रेस नेताओं में आपसी तालमेल की वजह से बजट में भी जिले को बहुत कम मिला। बेरोजगारी भत्ता व कर्जामाफी को कांग्रेसी नेता बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं, लेकिन इसमें भी किसान व युवाओं को पूरी तरह राहत नहीं मिली है।मेडिकल कॉलेज: युवाओं के अरमानों पर कैचीपिछले दस साल से सीकर मेडिकल कॉलेज को लेकर सियासत जारी है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांगे्रस सरकार ने सीकर मेडिकल कॉलेज को जल्द शुरू कराने की घोषणा की थी। लेकिन कांग्रेस सरकार का पहला साल बीतने को है और सीकर मेडिकल कॉलेज अभी भी मुद्दा बना हुआ है। हालांकि सीकर के प्रभारी व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा कई बार घोषणा कर चुके हैं सीकर मेडिकल कॉलेज इसी सत्र से शुरू होगा। लेकिन निरीक्षण के लिए आई एमसीआइ की टीम ने फिर से भवन में कमी निकाल दी। ऐसे में यहां के युवाओं को डॉक्टरी के सपनों को पूरा करने के लिए दूसरे जिले व राज्य में जाना पड़ रहा है।कुम्भाराम लिफ्ट पेयजल योजना: 450 गांव-ढाणियों की टूटती उम्मीदशेखावाटी में पेयजल सबसे बड़ा मुद्दा है। पिछली भाजपा सरकार के समय हरियाणा से पेयजल को लेकर हुए समझौते के बाद योजना बनी थी। लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस भी इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकाल सकी। कांग्रेस के नेताओं ने सीकर की चुनावी रैली में पानी के मुद्दे को लेकर भाजपा को जमकर घेरा था। कुम्भाराम लिफ्ट पेयजल योजना को बजट में भी कुछ ज्यादा नहीं मिला। इस कारण इलाके के 450 गांव-ढाणियों के लोगों के सामने सूखे हलक तर करना बढ़ी चुनौती है।रसीदपुरा प्याज मंडी: सब कुछ तैयार, नहीं कटा फीताकिसानों की खुशियां भी कांग्रेस सरकार ने फाइलों में उलझा दी है। रसीदपुरा में प्रस्तावित प्याज मंडी का काम लगभग पूरा हो गया है। लेकिन कांग्रेस की सरकार इसका फीता भी नहीं काट सकी। पहले चार महीेने तक सरकार मामला न्यायालय में होने का दावा करती रही। अब कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी की वजह से मामला अटका हुआ है। लगभग 13 साल पहले रसीदपुरा प्याज मंडी का प्रस्ताव बना था। लेकिन अभी तक प्याज मंडी धरातल पर नहीं आ सकी। प्याज मंडी नहीं खुलने की वजह से इलाके के किसानों को प्याज की खेती होते ही प्याज को बेचना पड़ता है। मंडी शुरू होने से किसानों को प्याज के अच्छे भाव मिलने की उम्मीद है।मिनी सचिवालय:जिला मुख्यालय के सभी सरकारी कार्यालयों को एक जगह लाने की दिशा में भी सरकार एक साल में कुछ नहीं कर सकी। पिछले दस साल से भाजपा व कांग्रेस की सरकारों ने मिनी सचिवालय को लेकर शहरवासियों को खूब सपने दिखाए। लेकिन भाजपा सरकार के समय मामला वित्तिय स्वीकृत्ति की वजह से अटक गया। आखिर में सरकार ने कलक्ट्रेट की जमीन को नीलाम कर मिनी सचिवालय बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। कांग्रेस ने विधानसभा व लोकसभा चुनाव के दौरान मिनी सचिवालय के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का सीकर की जनता से वादा किया। एक साल बाद भी मिनी सचिवालय की फाइल आगे नहीं बढऩे पर लोगों की आस टूट रही है।नवलगढ़ पुलिया फोरलेन:शहर में जाम की मुख्य वजह नवलगढ़ पुलिया है। इसकी चौड़ाई बढ़ाने की घोषणा भाजपा ने आखिरी साल में की थी। लेकिन यह प्रस्ताव भी सियासी वादों में उलझ गया। विधानसभा चुनाव के दौरान यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नवलगढ़ पुलिया को फोरलेन बनाने का दावा किया गया। लेकिन सरकार के पहले साल में इसको लेकर कोई योजना नहीं बनी। इस कारण नवलगढ़ रोड व पिपराली रोड इलाके के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।कामकाजी महिला छात्रावास:शिक्षानगरी सीकर की लंबे अर्से से कामकाजी महिला छात्रावास की मांग अधूरी है। सरकार ने भी यहां की महिलाओं की मांग को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। लेकिन अभी तक कांग्रेस का यह वादा भी झूठ साबित हो रहा है। पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यालय के पास यह भवन प्रस्तावित था। लेकिन यह मामला भी फाइलों में उलझ गया।सरकार ने बहुत कुछ किया: कांग्रेसभैरूपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच व पंचायत समिति सदस्य हनुमान सिंह पचार का कहना है कि सरकार ने एक साल में हर वर्ग का ध्यान रखकर योजना बनाई है। भाजपा ने चुनावी साल में गलत तरीके से काम किया, इसका खमियाजा अब तक कांग्रेस को भुगतना पड़ रहा है। जिले के बड़े प्रोजेक्ट भी हर हाल में पूरे होंगे।हर मोर्चे पर सरकार विफल: भाजपाभाजपा नेता डॉ. कमल सिखवाल का कहना है कि कांग्रेस हर मुद्दे पर विफल रही है। कांग्रेस ने झूठी घोषणा कर सत्ता हासिल कर ली। लेकिन बेरोजगारों को भत्ते के साथ अन्य घोषणा भी पूरी नहीं हुई है। सीकर जिले में एक भी ऐसा काम नहीं हुआ जिसे कांग्रेस नेता गिना सके।