आखिर कया है इसके पीछे की कहानी…?
धूलण्डी पर बाबा श्याम का खजाना लुटाया जाता है। जिसको प्रवासी श्याम भक्त जाते समय बाबा के खजाने को साथ लेकर जाते है। धुलण्डी के दिन शाम को चार बजे बाबा श्याम की विशेष फूलडोल आरती होती है। इस आरती के समय प्रवासी श्रद्घालुओं को बाबा के चढ़ावे से सिक्के का खजाना भी प्रसाद के रूप में दिया जाता है। जिसको लेने के लिये भी भक्तों की भारी भीड़ लगती है। बाबा से मिले इस आशीर्वाद के रूपी में मिले सिक्के को लोग अपने व्यापार में वृद्धि के लिए गल्लो व तिजोरियों में रखते हैं।
साल में सिर्फ एक बार
खाटू भक्तों के लिए यह मौका साल में सिर्फ एक बार आता है। खाटू भक्त इस दिन का सालभर इंतजार भी करते हैं। इसके लिए मंदिर में काफी भीड़ भी रहती हैं। जिसके लिए खाटू सेवा समिति को काफी इंतजाम भी करने होते हैं।
निशानों और नारियलों का लगा अम्बार
दस दिवसीय मेले में भक्तों द्वारा लाखों की तादात में लाखों निशानों और नारियलों का अम्बार लग गया है। श्याम मंदिर के उपर निशान तो दूर से ही खड़े दिखाई दे रहे हैं। श्री श्याम मंदिर कमेटी के मंत्री प्रताप सिंह ने बताया कि चढ़ावे में आए निशानों के बासों व नारियलों को निलाम कर उसकी राशि कमटी ट्रस्ट में जमा की जाती है। वहीं निशानों के श्याम दुपट्टे बनवाकर भक्तों को वितरित किए जाते हैं।