नियम बना दिए पालना से सरोकार नहीं
इसके बावजूद जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए है। शराब की दुकानों का नए सिरे से आवंटन होने के बाद पत्रिका टीम ने गुरुवार रात को शहर का जायजा लिया तो ऐसी ही स्थिति सामने आई।
जमघट
शहर के स्टेशन रोड पर गली में स्थित शराबियों का जमघट नजर आया। इनसे वहां के निवासी भी तंग नजर आए। उनका कहना था कि इस संबंध में आबकारी और पुलिस विभाग को शिकायत कर दी गई, लेकिन ना तो शराबियों पर पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है। आबकारी विभाग के अधिकारी तो इन दुकानों की जांच तक करने नहीं आते हैं।
ताक पर कायदे
शराब की दुकानों के शटर रात आठ बजे बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन अंदर सेल्समैन रहते हैं। शटर बजाते ही वह नीचे से शराब की बोतल उपलब्ध करवा देते हैं। इसके लिए प्रत्येक दुकान में ही सुराग बनाए हुए हैं। पिपराली रोड और आगे बाइपास की दुकान पर तो रात नौ बजे भी शराब खरीदने वालों की भीड़ लगी हुई थी। स्टेशन रोड, राणी सती, सालासर बस स्टैंड क्षेत्र की दुकानों में भी सेल्समैन शराब बेच रहे थे।
क्या है नई गाइडलाइन
यहीं नहीं अवैध शराब की तस्करी और विक्रय रोकने के लिए नई गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। जिसके तहत शराब विक्रय की पंजीकृत दुकानों के अलावा खुली उसकी अन्य अवैध शाखाओं के खिलाफ मामले दर्ज कर कार्रवाई की जाए। ये भी ध्यान रखा जाए कि शराब की बिक्री किसी भी सूरत में अव्यस्कों को ना की जाए। यदि ऐसा करना पाया जाता है तो धारा 55 राजस्थान आबकारी अधिनियम 1950 में मुकदमा दर्ज कर उस दुकान का लाइसेंस निरस्त करने के लिए जिला आबकारी अधिकारी को लिखा जाए।