कोरोना महामारी में जिन्होने किया काम उन्हें ही भूली सरकार
कोरोना वारियर्स की अनदेखी
एंबुलेंस 108 चालक और रोडवेज के कर्मचारियों ने कोरोना काल में दी थी सेवाएं

सीकर. जिम्मेदारों की अनदेखी कहें या कर्मचारियों का दुर्भाग्य। प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना के कारण जब सबकुछ थम सा गय था उस दौरान जब कोरोना संक्रमितों को घर से अस्पताल लाने वाले 108 एम्बुलेंस चालकों और लॉकडाउन में श्रमिकों को घर तक पहुंचाने वाले रोडवेज चालक-परिचालकों का वैक्सीनेशन सूची में नाम नहीं है। कोरोना से लडने में अहम भूमिका निभाने वाले इन वर्कर्स का नाम कोरोना वैैक्सीनेशन की सूची तक में नहीं है। कमोबेश यही स्थिति कोरोना संकटकाल में सेवाएं देने वाले मेडिकल स्टोर, डेयरी कारोबार से जुड़े लोग और डिस्कॉम और जल संसाधन विभाग के कार्मिकों की है।
अब बेतुके तर्क
चिकित्सा विभाग के अनुसार यह सबंधित विभाग का इन सभी का रिकॉर्ड विभाग को उपलब्ध करवाए जब विभाग ने प्रदेश में सभी हेल्थ वर्कर्स व फ्रंटलाइन वॉरियर्स का डाटा मुख्यालय से लिए हैं तो एम्बुलेंस 108 का डेटा भी वहां से लेना चाहिए था। वहीं रोडवेज व 108 एम्बुलेंस चालकों के लिए कोई गाइडलाइन तक नहीं आई है। इसके अलावा सरकार को रोडवेज के कोरोना काल में ड्यूटी देने वाले सभी चालक-परिचालकों का टीकाकरण तो होना ही चाहिए।
इनका कहना है
कोरोना काल में एम्बुलेंस कर्मचारियो ने बिना संसाधनों के सेवाएं दी है। इसके बाजवूद वैक्सीनेशन में नाम नहीं होना कर्मचारियों के मनोबल को तोडऩे जैसा है। मामले में प्रदेश स्तर पर वार्ता की जाएगी।
- मुकेश कुमार, राजस्थान एम्बुलेंस यूनियन सीकरकोरोना काल में दवा विक्रेताओं ने खुद को खतरे में डालते हुए वारियर्स की भूमिका निभाई है। दुकान खुली रखने के अलावा लोगों के घर-घर दवा पहुंचाने का काम किया है। इन लोगों का नाम वैक्सीनेशन में दर्ज करवाने के लिए आलाधिकारियों को कई बार सूचित किया जा चुका है।
- संजीव नेहरा, अध्यक्ष सीकर जिला केमिस्ट एसोसिएशन
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