यूं अटका मुआवजा बीमा कंपनी की ओर से मुआवजे की राशि बीमा करवाते समय दी गई जानकारी के अनुसार ही खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि पिछले चार साल में सरकारी बैंकों से लोन लेने वाले कई ऋणी किसानों की मौत हो चुकी है वही कई किसानों ने अपने किसान कार्ड के खाते को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर लिया है। जबकि पूर्व में बीमा कंपनियों की ओर से बीमा करवाने वाले किसानों के पैसे संबंधित बैंक शाखा में भेज दिए जाते थे। जिससे बैंक खुद के स्तर पर संबंधित का पता लगवाता था और नॉमिनी को बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाता था।
फैक्ट फाइल
वर्ष प्रीमियम करोड़ में
2019- 5093 2020- 6305 2021- 6155 2022- 6229 वर्ष क्लेम करोड़ में 2019- 3466 2020- 4920 2021- 2912 2022- 1015
इनका कहना है
बीमा कंपनी के द्वारा किसान का खाता बंद होने या किसान की मृत्यु होने पर जारी क्लेम का भुगतान डीबीटी का हवाला देकर उनके नॉमिनी को नहीं किया जा रहा है। इस कारण राजस्थान में 25 करोड़ से अधिक राशि का क्लेम अटका हुआ है। राज्य सरकार को इस मामले को प्रमुखता से लेकर इस राशि का भुगतान पूर्व की तरह ऋणी किसान के नॉमिनी को करने के लिए बीमा कंपनियों को बाध्य करना चाहिए।
राकेश नेहरा, भाजपा दादिया मंडल अध्यक्ष