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राजस्थान में बीमा कम्पनी की मनमर्जी ने रोके अन्नदाताओं के 25 करोड़ रुपए

locationसीकरPublished: Feb 14, 2023 11:59:49 am

धरती का सीना चीर कर लोगों का पेट भरने वाले हजारों अन्नदाताओं के प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मिलने वाले मुआवजे के पिछले चार साल से प्रदेश के करीब 25 करोड़ रुपए पिछले एक साल से अटके हुए हैं। वजह बीमा कंपनी की ओर क्लेम जारी होने के बाद भी संबंधित का खाता बंद होने का हवाला देकर नामिनी को भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिससे किसानों के परिजन मुआवजे की राशि लेने के लिए चक्कर लगा रहे हैं।

राजस्थान में बीमा कम्पनी की मनमर्जी ने रोके अन्नदाताओं के 25 करोड़ रुपए

राजस्थान में बीमा कम्पनी की मनमर्जी ने रोके अन्नदाताओं के 25 करोड़ रुपए

धरती का सीना चीर कर लोगों का पेट भरने वाले हजारों अन्नदाताओं के प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मिलने वाले मुआवजे के पिछले चार साल से प्रदेश के करीब 25 करोड़ रुपए पिछले एक साल से अटके हुए हैं। वजह बीमा कंपनी की ओर क्लेम जारी होने के बाद भी संबंधित का खाता बंद होने का हवाला देकर नामिनी को भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिससे किसानों के परिजन मुआवजे की राशि लेने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। किसान बीमित होने के बावजूद खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। प्रीमियम के रूप में हर सीजन में करोड़ों रुपए बटोरने वाली बीमा कंपनी ऋणी की मृत्यु होने या खाता बंद होने पर बीमा कंपनी क्लेम जारी होने के बाद भी डीबीटी का हवाला देकर क्लेम का भुगतान नॉमिनी को नहीं करती है। गौरतलब है कि प्रदेश में चार वर्षों में 23,782 करोड़ रुपए का प्रीमियम लिया गया है जबकि 12,313 करोड़ रुपए का प्रीमियम जारी किया गया है।
यूं अटका मुआवजा

बीमा कंपनी की ओर से मुआवजे की राशि बीमा करवाते समय दी गई जानकारी के अनुसार ही खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि पिछले चार साल में सरकारी बैंकों से लोन लेने वाले कई ऋणी किसानों की मौत हो चुकी है वही कई किसानों ने अपने किसान कार्ड के खाते को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर लिया है। जबकि पूर्व में बीमा कंपनियों की ओर से बीमा करवाने वाले किसानों के पैसे संबंधित बैंक शाखा में भेज दिए जाते थे। जिससे बैंक खुद के स्तर पर संबंधित का पता लगवाता था और नॉमिनी को बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाता था।
फैक्ट फाइल
वर्ष प्रीमियम करोड़ में
2019- 5093

2020- 6305

2021- 6155

2022- 6229

वर्ष क्लेम करोड़ में

2019- 3466

2020- 4920

2021- 2912

2022- 1015


इनका कहना है
बीमा कंपनी के द्वारा किसान का खाता बंद होने या किसान की मृत्यु होने पर जारी क्लेम का भुगतान डीबीटी का हवाला देकर उनके नॉमिनी को नहीं किया जा रहा है। इस कारण राजस्थान में 25 करोड़ से अधिक राशि का क्लेम अटका हुआ है। राज्य सरकार को इस मामले को प्रमुखता से लेकर इस राशि का भुगतान पूर्व की तरह ऋणी किसान के नॉमिनी को करने के लिए बीमा कंपनियों को बाध्य करना चाहिए।
राकेश नेहरा, भाजपा दादिया मंडल अध्यक्ष

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