रोजाना दो दर्जन प्रसव हाल में केन्द्र सरकार की ओर से लक्ष्य कार्यक्रम में सर्टिफाइड जनाना अस्पताल वर्ष 2017 में शुरू हुआ था। सौ बैड वाले जनाना अस्पताल में चार जिलों की प्रसूताएं आती है। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण यहां शुरूआत से ही स्टॉफ की कमी रही। मेडिकल कॉलेज के लिए प्रावधान को देखते हुए लेबर रूम में प्रतिनियुक्ति वाले आठ कर्मचारियों को लगाया गया। अब इन कर्मचारियों को रीलिव कर दिया। ऐसे में लेबर रूम में अस्पताल के वार्डों में लगे स्टॉफ को भेजा गया है। लेकिन वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए कोई व्यवस्था नही हो सकी। ऐसे में सुबह आठ से दो बजे तक नर्सिंग के छात्रों को लगा लिया जाता है लेकिन रात्रि में व्यवस्था भगवान भरोसे ही है।
तीन दिन पहले हुए थे आदेश प्रतिनियुक्ति पर एसके अस्पताल और जनाना अस्पताल सहित सिटी डिस्पेंसरी पर नर्स प्रथम, नर्स-टू, एएनएम, फार्मासिस्ट, लैब टेक्निीशियन, रेडियोग्राफर के रूप में लगे हुए थे। मुख्य सचिव के आदेश के बाद प्रतिनियुक्ति पर लगे कर्मचारियों को मूल स्थान पर भेजने के आदेश दिए। अस्पताल प्रबंधन ने रीलिव भी कर दिया। पिछले दो दिन से अवकाश के कारण मरीजों की संख्या कम रही लेकिन मंगलवार को मरीजों की संख्या ज्यादा होने पर व्यवस्था बेपटरी हो जाएगी।
इनका कहना है अस्पताल से 24 कर्मचारियों के जाने से व्यवस्था बिगड़ी है। नर्सिंग कर रहे छात्रों को लगाया गया है। समय रहते ध्यान नहीं दिया तो मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है।
डॉ. बीएल राड, प्रभारी जनाना अस्पताल सीकर