तीन जिलों ने दी प्रदेश की 45 फीसदी शहादत
सैनिक कल्याण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक देश की सुरक्षा में शहीद होने वाले शेखावाटी के सैनिकों का हिस्सा 45 फीसदी है। करगिल युद्ध के बाद से अब तक प्रदेश के 1650 सैनिक शहीद हुए हैं। जिनमें 731 शहीद सीकर, चूरू और झुंझुनूं से हैं।
शहादत में झुंझुनूं अव्वल
1999 के करगिल युद्ध के बाद से देश के लिए शहीद हुए जवानों में सबसे ज्यादा शहीद झुंझुनूं के हैं। पिछले 20 साल में झुंझुनूं के 428 जवानों ने विभिन्न ऑपरेशनों में देश के लिए जान दी है, तो सीकर के 211 और चूरू के 92 जवान देश के नाम कुर्बान हो चुके हैं।
हर युद्ध और ऑपरेशन में भागीदारी
शेखावाटी के जाबांजों की हर युद्ध में भूमिका रही है। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध तक में अंचल ने कई शहादत दी है, तो आजादी के बाद हुए भारत चीन और भारत पाकिस्तान युद्ध से लेकर 1999 के ऑपरेशन करगिल विजय, संसद पर हमले, ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन ब्लू स्आर, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन विजय, मिलिटेंट एक्शन, ऑपरेशन पराक्रम, काउंटर इमरजेंसी, ऑपरेशन फॉल्कोन और ऑपरेशन मेघदूत सरीखे विभिन्न नक्सली और आतंक विरोधी ऑपरेशनों में भी शेखावाटी के हजारों सेनानियों ने दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं। हालांकि 1999 से पहले का रिकॉर्ड सैनिक कल्याण विभाग के पास नहीं है। लेकिन, जानकारों की मानें तो आजादी से लेकर करगिल ऑपरेशन तक शेखावाटी के करीब एक हजार से ज्यादा सैनिकों ने शहादत दी है।