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मंत्री और पूर्व मंत्री की नहीं चली तो पार्टी को दिखा दिया आईना

locationसीकरPublished: Nov 20, 2019 03:19:36 pm

Submitted by:

Sachin

सीकर. नगर परिषद की दस सीट निर्दलियों के नाम रही। इनसे सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हुआ।

मंत्री और पूर्व मंत्री की पैरवी पर भी नहीं मिले टिकट, तो पार्टी को दिखा दिया आईना

मंत्री और पूर्व मंत्री की पैरवी पर भी नहीं मिले टिकट, तो पार्टी को दिखा दिया आईना

सीकर. नगर परिषद की दस सीट निर्दलियों के नाम रही। इनसे सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हुआ। क्योंकि इनमें से आठ निर्दलियों ने पहले कांग्रेस से टिकट मांगी थी। नहीं मिलने पर बागी होकर इन्होंने अपनी ही पार्टी को पटखनी दी। भाजपा से भी टिकट नहीं मिलने पर एक ने बगावत कर निर्दलीय जीत हासिल की। ऐसे में इन निर्दलियों ने जहां अपनी ही पार्टी को नुकसान पहुंचाते हुए अपनी पार्टी को आईना दिखा दिया, तो दोनों पार्टी के टिकट वितरण को भी सवालों में ला दिया। मामले में खास बात कुछ प्रत्याशियों के पक्ष में तो कांग्रेस के कई दिग्गजों का होना भी रहा।
डोटासरा व महरिया ने की थी पैरवी

निर्दलीय चुनाव जीतने वाले वार्ड चार के प्रत्याशी छोटेलाल, वार्ड पांच की अनिशा, वार्ड 10 की शमूना बानो, वार्ड 17 से आबिद हसन, वार्ड 20 के अंकित, वार्ड 28 के मनीष, वार्ड 60 की सरला दानोदिया और वार्ड 62 के निर्दलीय विजेता कांग्रेस पृष्ठभूमि से रहे। इसी तरह वार्ड 60 की सरला दानोदिया ने भाजपा से टिकट की दावेदारी पेश की थी। लेकिन, इन्हें टिकट नहीं दी गई। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस से टिकट के लिए अनिशा की पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने पैरवी की थी, तो शमूना बानेा का शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस के खेलकूद प्रकोष्ठ में प्रदेश महामंत्री रहे अकरम खत्री का पक्ष कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीएस जाट ने रखा था। अकरम खत्री के चाचा जाकिर खत्री खुद कांग्रेस से पार्षद भी रह चुके हेें। वहीं, अंकित तो कांग्रेस टिकट वितरण के सबसे अहम किरदार राजेन्द्र पारीक का नजदीकी बताया जा रहा है। टिकट कटने पर इन सभी ने बागी होकर पार्टी प्रत्याशियों को धूल चटा दी।
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