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इंजीनियरिंग के बाद युवाओं ने इस कोर्स से भी किया किनारा, कॉलेजों पर गहराया संकट

locationसीकरPublished: Aug 18, 2019 01:41:36 pm

Submitted by:

Sachin

सीकर. इंजीनियरिंग के बाद अब आईटीआई कॉलेजों से भी युवाओं का मोह टूट रहा है। अगस्त तक भी सीट पूरी नहीं भरने पर निदेशालय ने प्रवेश प्रकिया दुबारा शुरू कर दी है।

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इंजीनियरिंग के बाद युवाओं ने इस कोर्स से भी किया किनारा, कॉलेजों पर गहराए संकट के बादल


सीकर. इंजीनियरिंग के बाद अब आईटीआई कॉलेजों से भी युवाओं का मोह टूट रहा है। अगस्त तक भी सीट पूरी नहीं भरने पर निदेशालय ने प्रवेश प्रकिया दुबारा शुरू कर दी है। लगातार सीट खाली रहने की स्थिति में अब प्रदेश के सरकारी व निजी महाविद्यालयों में अब सितम्बर तक प्रवेश होंगे। इसके लिए डीजीटी के निर्देश पर कलैण्डर भी जारी हो गया है। इस बार कई सरकारी कॉलेजों में भी सीट अभी तक पूरी नहीं सकी है। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। दरअसल, प्रदेश में इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रमों के साथ आईटीआई कॉलेजों में भी खाली सीटों की लगातार बढ़ती जा रही है। एक्सपर्ट का कहना है कि रोजगार के अवसर घटने की वजह से इन पाठ्यक्रमों से विद्यार्थियों ने दूरी बना ली है।

ऐसे समझे पूरा गणित

प्रदेश में कुल आईटीआई कॉलेज: 1940
राजकीय कॉलेज: 229

निजी कॉलेज: 1711

डीजीटी से मिली अनुमति

आईटीआई कॉलेजों को स्किल डवलपमेंट अभियान से जोडऩे के बाद सीट खाली रहने के बाद विभाग ने डीजीटी दिल्ली को नए सिरे से विशेष प्रवेश अभियान चलाने की अनुमति मांगी। 14 अगस्त को डीजीटी ने दूसरे चरण की प्रक्रिया की अनुमति दे दी।

यह रहेगा प्रवेश कार्यक्रम:
जिन महाविद्यालयों में अभी तक सीट पूरी नहीं भरी है उनको 21अगस्त तक नोटिस बोर्ड पर सूचना चस्पा करनी होगी। इसके बाद 21 से 27 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन पत्रों के आधार पर 29 अगस्त को मेरिट जारी होगी। चयनित अभ्यर्थियों की फीस 30 अगसत तक जमा होगी। इसके बाद सीट रिक्त रहने की स्थिति में एक से 11 सितम्बर तक आवेदन मांगे जाएंगे। इस राउंड के अभ्यर्थियों की मेरिट सूची 12 सितम्बर तक जारी होगी। फीस जमा कराने के लिए मौका 13 सितम्बर तक मिलेगा।
एक्सपर्ट व्यू: निजीकरण और भर्तियों की कमी

प्रदेश में विद्युत कंपनियों में भर्तियों की संख्या में हर साल कमी आ रही है। इस कारण आईटीआई करने वाले युवाओं को नौकरी भी कम मिली। दूसरी तरफ लगातार निजीकरण होने की वजह से युवाओं का मोहभंग हुआ है। पिछले दस वष वर्षो में रेलवे में भर्तियों के ग्राफ में कमी आई। हालांकि पिछले तीन साल में फिर से भर्ती के नोटिफिकेशन जारी हुए है।
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