दो योजनाओं पर काम
रविन्द्र को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए बचाव दल दो योजनाओं पर काम कर रहा है। पहली योजना कुछ दूरी से मिट्टी खोदते हुए बोरवेल तक ढलाननूमा रास्ता बनाकर मासूम तक पहुंचने का है। दूसरा बोरवेल के नजदीक ही उसकी गहराई तक की कुई खोदकर सुरंग बनाकर रविन्द्र को बाहर निकालने की है। दोनों के लिए ही काम युद्ध स्तर पर हो रहा है।
चार बजे गिरा था मासूम
गौरतलब है कि खाटूश्यामजी के नजदीकी गांव चारणका बास की बिजारणियां की ढाणी में गुरुवार शाम चार बजे चार वर्षीय रविन्द्र खेलते समय बोरवेल में गिर गया था। लिखमा का बास सरपंच सागर मल ने बताया कि बिजारणियां की ढाणी में लक्ष्मणराम जाट के खेत में बोरवेल की खुदाई हुई थी। जिसकी गुरुवार को पाइप निकालने के बाद भराई का काम चल रहा था। करीब 400 फीट के बोरवेल को 350 फीट से ज्यादा भर भी दिया गया था। करीब 40 से 50 फीट की भराई बाकी थी कि इसी बीच परिजन खाना खाने चले गए। पीछे से करीब चार बजे रविन्द्र खेलते- खेलते वहां पहुंच गया। जो बोरवेल के गड्ढे में गिर गया। घटना की जानकारी पर पुलिस व प्रशासन की टीम के साथ सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुंची। बाद में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ को भी बुलाया गया। जो रविन्द्र के बचाव अभियान में जुटी हुई है।