बतादें कि खेती में नवाचार के चलते बलवीर का चयन इजराइल में खेती की तकनीक जानने के लिए हुआ था। इजराइल जाकर उन्होंने न कम पानी में पॉली कवर म ड्रिप सिस्टम से खेती की नई तकनीक न केवल सीखी, बल्कि उसे अपने खेत में भी लागू किया। अब वह सब्जियों की पैदावार इसी तकनीक से करते हैं।
खेती ही नहीं पिता- पुत्र आधुनिक तकनीक से डेयरी का संचालन भी करते हैं। जहां गायों का दूध मशीन से ही निकाला जाता है। 1993 में मशीन से दूध निकालने की तकनीक गांव में लाने वाले भी वह पहले शख्स थे। बकौल दीनदयाल डेयरी की शुरुआत के समय उनके पास करीब 10 गाय थी। लेकिन, डेयरी में नई तकनीक और प्रयोग से उनका डेयरी का कारोबार 650 लीटर रोजाना के दूध तक पहुंच गया है। उनके डेयरी के दूध की सप्लाई अब सीकर से लेकर लक्ष्मणगढ़ तक में हो रही है।
बलवीर का खेत और डेयरी ही नहीं, पूरा घर भी हाईटेक नजर आता है। जिसमें जगह जगह लगे ड्रिप सिस्टम जहां हर ओर हरियाली की चादर बिछाए हैं। वहीं, खेत में ही मौजूद आलीशान लॉन और स्विमिंग पुल घर को ओर ज्यादा आधुनिक बनाते हैं। ऊपर से खेत में प्रवेश करते ही सागवान के पेड़ों की छांव के बीच से निकलता रास्ता भी बेहद अनूठा है। कुल मिलाकर दोनों पिता पुत्र की मेहनत का रंग यहां हर ओर बिखरा देखा जा सकता है।