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शादी में आने वाला था, तिरंगे में लिपटकर आया जवान का शव

locationसीकरPublished: May 31, 2020 10:36:08 pm

तीन साल पहले आईटीबीपी के जवान रामसिंह मीणा ने संतोष देवी के साथ सात फेरे लेते हुए सात जन्मों का साथ निभाने की कसम खाई थी। लेकिन ये साथ तीन साल तक ही रहा और वो अपनी पत्नी संतोष देवी को बीच मझधार में छोडकऱ इस दुनिया से अलविदा हो गए।

शादी में आने वाला था, तिरंगे में लिपटकर आया जवान का शव

शादी में आने वाला था, तिरंगे में लिपटकर आया जवान का शव

सीकर/नीमकाथाना/सिरोही. तीन साल पहले आईटीबीपी के जवान रामसिंह मीणा ने संतोष देवी के साथ सात फेरे लेते हुए सात जन्मों का साथ निभाने की कसम खाई थी। लेकिन ये साथ तीन साल तक ही रहा और वो अपनी पत्नी संतोष देवी को बीच मझधार में छोडकऱ इस दुनिया से अलविदा हो गए। जम्मू कश्मीर के राजौरी में शुक्रवार को हृदयगति रुकने से मौत हुई आईटीबीपी के जवान रामसिंह मीणा कीे रविवार को उनके पैतृक गांव भूदोली में राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। जवान के भतीजे ने अपने चाचा की चिता को मुखाग्नि दी। आईटीबीपी के जवानों ने मृतक जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल, कांग्रेस नगर अध्यक्ष मदन सैनी सहित अधिकारी व ग्रामीणों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किए। शनिवार रात को सदर थाना में पहुंची जवान की पर्थिव देह को रविवार सुबह जब पुलिस के जवान व ग्रामीणों के साथ जब गांव भूदोली लाई गई तो घर पर कोहराम मच गया। मृतक जवान की पत्नी संतोष देवी बेसुध हो गई। शाम तक चेत नहीं होने पर परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। बांध के पास स्थित मोक्षधाम में ग्रामीणों ने नम आंखों के बीच भारत माता के जयकारों के साथ लाडले को अंतिम विदाई दी। सेना के जवानों ने मृतक की पत्नी संतोष देवी को तिरंगा सौंपा तो वह अपनी छाती से लगा कर रो पड़ी। जवान 29 जून को अपने साले की शादी में घर आने वाला था।

 

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़


मृतक जवान के बड़े भाई रामस्वरूप मीणा ने बताया कि पांच माह पहले तो मां माली देवी की मौत का गम नहीं भूल पाए कि भाई रामसिंह की मौत होने से दु:खों का पहाड़ टूट गया। मृतक तीन भाईयों में सबसे छोटा था और उसकी अपे्रल 2018 में शादी हुइ थी। मृतक की पूरे परिवार का अच्छे से पालन पोषण कर रहा था। घर पहुंचे जवान बेटे के शव को देख पिता जगदीश प्रसाद टक टकी लगाए हुए देख रहे थे। मृतक राम सिंह मीणा आईटीबीपी मे 2012 मे भर्ती हुए थे।


ऐसे हुई जवान की मौत


पार्थिव देह के साथ आए आईटीबीपी केएएसआई महेन्द्र सिंह ने बताया कि मृतक राम सिंह मीणा जम्मू कश्मीर राजौरी में थे तैनात थे। 29 मई को दिन में ड्यूटी करने के बाद रात को अपने साथियों के साथ कैम्पस में मोबाइल पर गेम खेलकर सोए थे। कुछ देर बाद मृतक रामसिंह मीणा खर्राटे भरने लगे तो पास ही बैठे जवानों ने उन्हें उठाने की कोशिश की मगर वो नहीं उठे। रात को करीब 11 बजे साथियों ने उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां पर डॉक्टर ने जवान को मृत घोषित कर दिया।

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