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सड़क दुर्घटना का शिकार हुए जैन मुनि विश्वनाथ सागर का निधन, समाज में दौड़ी शोक की लहर

locationसीकरPublished: Jun 14, 2019 04:11:14 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

जैन समाज में भी विश्वनाथ सागर की मौत का समाचार सुनकर शौक की लहर दौड़ पड़ी।

जैन समाज में भी विश्वनाथ सागर की मौत का समाचार सुनकर शौक की लहर दौड़ पड़ी।

सडक़ दुर्घटना का शिकार हुए जैन मुनि विश्वनाथ सागर, समाज में दौड़ी शोक की लहर

सीकर।
सीकर जिले के दांतारामगढ़ में गुरुवार शाम को घाटवा रोड पर ट्राइसाइकिल पर जा रहे जैन मुनि विश्वनाथ सागर ( jain muni Vishwanath Sagar ) को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे जैन मुनि गंभीर घायल हो गए। उनको गंभीर अवस्था में जयपुर रैफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ा दिया। आचार्य विराग सागर के प्रमुख शिष्य मुनि विश्वनाथ कई दिनों से दांता विहार पर थे। गुरुवार की शाम करीब छह बजे वे जीजोठ के लिए विहार पर निकले थे। विश्वनाथ सागर ट्राई साईकिल से जीजोठ के लिए विहार पर जा रहे थे। उनके साथ उनके तीन सेवादार भी थे। दांता से निकलते ही झाड़ली तलाई के पास अज्ञात वाहन ने जैन मुनि की ट्राई साइकिल को पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में जैन मुनि विश्वनाथ वहीं पर गिर गए। दुर्घटना के बाद उनके तीन सेवादारों ने मुनि को संभाला। जैन मुनि को दांता सीएचसी पहुंचाया व दुर्घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद जैन मुनि को गंभीर अवस्था में जयपुर के लिए रैफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। दुर्घटना की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में जैन समाज के लोग अस्पताल में एकत्र हो गए। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और वाहन की तलाश कर रही है। इधर दांतारामगढ़ के जैन समाज में भी विश्वनाथ सागर की मौत का समाचार सुनकर शौक की लहर दौड़ पड़ी।


दांता में होगा अंतिम संस्कार
जैन मुनि विश्वनाथ सागर का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दांता में किया जाएगा। जैन मुनि का शव दांता लाया जा रहा है। उनकी अंतिम यात्रा शुक्रवार को दोपहर दो बजे जैन मंदिर के सामने से रवाना होगी जो दांता चौपड़ होकर मुख्य बाजार से होती हुई नसिंया पहुंचेगी जहां जैन मुनि का अंतिम संस्कार किया जाएगा। जैन समाज के अध्यक्ष सुनील झाझरी ने बताया कि इससे पहले जैन मुनि का शव अंतिम दर्शन के लिए नेमीताल भवन में रखा जाएगा। जैन मुनि की अंतिम यात्रा में दांतारामगढ़ के अलावा, जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, सीकर सहित विभिन्न स्थानों ने जैन समाज के लोग शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि जैन मुनि विगत चार दिनों से दांता में ही विहार पर थे, जो शुक्रवार को जीजोठ के लिए रवाना हुए थे।

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