सीकरPublished: Apr 06, 2020 07:01:52 pm
Suresh
लॉकडाउन में इंसानों से ज्यादा पशु पक्षी प्रभावित
लॉकडाउन की जद: चीटियां भूखी….कीड़ी नगरा सींचने कम निकलते हैं लोग!
सीकर. बेजुबान …बेबस … बेसहारा! लॉकडाउन की जद में अब बेजुबान भी फंसने लगे हैं। कभी इसी शहर की अनगिनत गलियों के नुक्कड़ पर गायों के लिए हरे चारे के ढेर लगे नजर आते थे। कीड़ी नगरा सींचने दर्जनों लोग अलसुबह ही घरों से आटा लेकर निकल जाते थे। कोई घर नहीं जिसकी दहलीज पर पहुंचे कुत्ते को रोटी ना मिली हो…लेकिन अब ये चित्र बदल सा गया है। सडक़ों पर बेसहारा फिरने वाली गायों की काया कृश होने लगी है। गली-मोहल्लों में जमघट लगाए बैठे रहने वाले कुत्ते निर्बल सी देह लिए रोटी की तलाश में निकल पड़े हैं। अब कबूतर भी गिनती के दानों से दिन निकाल रहे हैं।
लॉकडाउन ने इंसानों से ज्यादा पशु-पक्षियों को प्रभावित किया है। सामाजिक दूरी के कड़े नियम के कारण लोग चाहकर भी इनके लिए कुछ कर नहीं पा रहे। इन पशु पक्षियों के लिए कोई कुछ करना भी चाहे, तो कहीं चारे वाले नहीं मिलते तो कहीं पुलिस की सख्ताई के कारण लोग घरों के बाहर भी नहीं निकल सकते। मंगलवार को शहर के कई क्षेत्रों में गायों के झुंड नजर आए। इनमें कई गायें ऐसी भी थी जिनके पेट पीठ से चिपके थे। राणीसती से आगे बीड में सैकड़ों की तादाद में चीटियों के बिल है, जिनमें लाखों की संख्या में चीटियां हैं। यहां पहले हर सुबह लोगों द्वारा दर्जनों किलो आटा बिखेरा जाता था, लेकिन अब इधर लोगों का आना ही कम हो गया। ऐसे ही सडक़ों पर श्वान भूख से बिलबिलाते नजर आते हैं।
हालांकि दानदाता कुछ हद तक मदद कर रहे हैं, लेकिन शहर में आवारा व बेसहारा पशुओं की ज्यादा तादाद होने के कारण मदद हरेक पशु तक नहीं पहुंच पा रही। कीड़ी नगरा सींचने भी लोग जा ही नहीं पा रहे।
ये है कीड़ी नगरा
कीड़ी नगरे के लिए सवा सेर आटे में पाव शक्कर, पाव नारियल का बुरादा तथा पावभर घी मिलाकर भूनकर तैयार किया जाता है। दो मु_ी सामग्री हर सुबह चीटियों के बिलों के नजदीक बिखेर दी जाती है, ताकि चीटियां भूखी न रहे। हिंदूधर्म में चींटियों को भोजन देना शुभ माना जाता है। इससे कर्ज से छुटकारा मिलता है और मानसिक संतुष्टि मिलती है।
रानोली पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
शिश्यंू. लॉकडाउन की पालना करवाने को लेकर रानोली पुलिस ने मुख्य मार्गों सहित गली, मौहल्लों में जाकर फ्लैग मार्च निकाला। थानाधिकारी ने बताया कि रानोली थाना से रानोली बाजार, सांगरवा, कोछोर, आदि गांवों में भी फ्लैग मार्च कर लोगों को घरों में रहने के लिए प्रेरित किया।