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झाबर सिंह खर्रा को आरएसएस से नजदीकी का श्रीमाधोपुर में मिला फायदा, पहली सूची में बनाई जगह

jhabar singh kharra : झाबर सिंह खर्रा आरएसएस खेमे की वजह से झाबर सिंह खर्रा पहली सूची में जगह बनाने में सफल रहे।

सीकरNov 12, 2018 / 01:06 pm

vishwanath saini

jhabar singh kharra

श्रीमाधोपुर .किसान नेता के तौर पर पहचान बनाने वाले खर्रा को फिर मौका मिला है। आरएसएस खेमे की वजह से झाबर सिंह खर्रा पहली सूची में जगह बनाने में सफल रहे। उनका टिकट पहले से ही तय माना जा रहा था। यहां भी भाजपा के पास कोई मजबूत दावेदार नहीं था। यहां पिछले चुनाव में खर्रा ने जीत हासिल की थी। खर्रा 13 या 14 को नामांकन दाखिल करेंगे। टिकट की घोषणा होने के बाद इलाके में भाजपाईयों ने जश्न मनाया।

प्रत्याशी का ‘आधार’

आमदनी: खेती
सोशल मीडिया: फेसबुक पेज पर 78 हजार लाइक्स, ट्विटर पर कम सक्रिय।
पहचान: किसानों के संघर्ष करने वाले जमीनी नेता।
अनुभव: श्रीमाधोपुर पंचायत समिति के प्रधान भी रह चुके है। इस बार चुनाव जीतकर विधानसभा भी पहुंचे।
पांच साल सक्रियता: भाजपा जिलाध्यक्ष रहते संगठन के साथ कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ बनाई। पांच साल इलाके में सक्रिय रहे। आरएसएस से नजदीकी का फायदा।

 

 

हरीश कुमावत को दांतारामगढ़ में पुरानी कसक पूरी करने का मिला मौका


दांतारामगढ़ . पिछले चुनाव में हार की कसम पूरी करने के लिए पार्टी ने फिर से हरीश कुमावत पर दांव खेला है। यहां दस से अधिक दावेदार थे, लेकिन संगठन ने मजबूत दावेदारी हरीश कुमावत की मानते हुए फिर से चुनावी मैदान में उतार दिया है। पिछले चुनाव मेें वह काफी करीबी मुकाबले में कांग्रेस के नारायण सिंह से हार गए थे। आरएसएस व मुख्यमंत्री खेेमे से जुड़ाव का फायदा मिला है।

प्रत्याशी का ‘आधार’

आमदनी: खेती और व्यवसाय
सोशल मीडिया: फेसबुक पेज पर 40 हजार लाइक्स, ट्विटर पर काफी कम सक्रिय।
पहचान: किसान व समाजिक कार्यक्रमों के जरिए
अनुभव: चार दफा विधायक, पालिकाध्यक्ष व माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष।
पांच साल सक्रियता: दांतारामगढ़ क्षेत्र से हार के बाद भी इलाके में लगातार सक्रिय रहे। क्षेत्र में हुए कार्यक्रमों के साथ पार्टी की गतिविधियों में हुए शामिल। इसका फायदा कुमावत को मिला है। आलाकमान ने इसलिए फिर से हरीश कुमावत को चुनावी मैदान में उतारा है।

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