खुशखबरी : चूरू-झुंझुनूं को सिंचाई और सीकर को पीने के लिए इस रास्ते से मिलेगा यमुना का पानी
परियोजना पर आने वाले कुल 3966.51 करोड़ रुपए की लागत में से बिजली उत्पादन पर होने वाले 1388.28 करोड़ का खर्च उत्तराखंड सरकार वहन करेगी और बिजली का पूरा फायदा भी उत्तराखंड को ही मिलेगा। परियोजना से जुड़े सिंचाई और पीने के पानी की व्यवस्था वाले हिस्से के कुल 2578.23 करोड़ के खर्च का 90 प्रतिशत (2320.41 करोड़ रुपए) केन्द्र सरकार वहन करेगी जबकि बाकी 10 प्रतिशत का खर्च छह राज्यों के बीच बांट दिया जाएगा। इसमें राजस्थान को 24.08 करोड़ रुपये, हरियाणा को 123.29 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में से प्रत्येक राज्य को 86.75 करोड़ रुपये, दिल्ली को 15.58 करोड़ रुपये तथा हिमाचल प्रदेश केा 8.13 करोड़ रुपए देने होंगे।
यह मौसी-भांजा किराए पर लड़की लाकर शुरू करते थे ऐसा खेल
समझौते पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में नितिन गडकरी के अलावा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, हिमाचल प्रदेश के जयराम ठाकुर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल थे।
शर्म भी नहीं आई इस ननद-भाभी को सबके सामने ऐसा गलत काम करते…
शेखावाटी इलाके को मिलेगा फायदा
समझौते के तहत राजस्थान को 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। जिसमें 60 प्रतिशत पानी सिंचाई और 40 प्रतिशत पीने के लिए होगा। सिंचाई के पानी में 70 प्रतिशत झुंझुनूं को और 30 प्रतिशत चूरू को मिलेगा। जबकि सीकर के हिस्से में केवल पीने का पानी आएगा।