हुआं यू कि सीकर के फतेहपुर(fatehpur) कस्बे के राजकीय धानुका अस्पताल आई एक महिला(woman) अस्पताल (hospital)में उपचार लेकर जब बाहर आई तो वह बाहर मुख्य गेट पर सडक़ पर लगी एक लोहे की जाली का शिकार हो गई। महिला का पैर लोहे की जाली में फंसकर नीचे चला गया।
वो 15 मिनट कठिनाई भरे…
करीब 15 मिनट तक महिला का पैर लोहे की जाली में फंस कर रह गया। महिला ने चीख पुकार की तो वहां में मौजूद दुकानदार व राहगीर तुरंत पहुंचे। मौजूद लोगों में से एक एककर के लोगों ने प्रयास शुरू किए। ट्रेफिक रोक दिया गया। सभी लोग अपनी सलाह देने लगे। लेकिन महिला पीड़ा से कराह रही थी। महिला ने भी पैर निकालने के काफी प्रयास किए लेकिन शुरुआती प्रयास वह भी असफल रही। इतनी ही देर में वहां करीब में स्थित आधार केन्द्र पर मौजूद लोगों ने फिर से प्रयास किए। महिला को अलग अलग तरह से पैर निकालने की सलाह भी दी गई और मदद भी की गई। जिसके बाद महिला का पैर किसी तरह से उस जाली से निकाला जा सका। महिला ने राहत की सांस ली और लोगों का शुक्रिया भी किया।
सभी ने बोला, ‘आए दिन…’
जब अस्पताल के आसपास के लोगों से इस बारे में पूछा गया तो बताया कि फतेहपुर कस्बे के राजकीय धानुका अस्पताल में कई मरीजों को सुविधा की बजाएं दुविधा मिल रही है। अस्पताल के मुख्य गेट पर बनी नाली में रखे गए जाल में आए दिन लोगों के पैर फंसने के हादसे हो रहे हैं। जाली के बीच में जगह ज्यादा होने से लोगों के पैर फंस रहे हैं। लेकिन ना तो अस्पताल प्रशासन ना ही दूसरे अधिकारी इसे सही कराने के प्रयास कर रहे हैं।